जनगणना में जातियों को शामिल करने पर अंदरूनी मतभेद के बाद भाजपा ने कहा है कि जनगणना में जाति आधारित जनगणना का वह समर्थन करती है और सरकार के साथ उसने सहमति जताई कि इसे इस तरीके से किया जाना चाहिए कि समाज की एकता प्रभावित नहीं हो.
जनगणना में जाति को शामिल करने को लेकर विभाजित भाजपा ने अपनी कोर ग्रुप की बैठक में जनगणना में जाति को शामिल करने के निर्णय का समर्थन किया. पार्टी अध्यक्ष नीतिन गडकरी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पहले इस निर्णय का विरोध किया था.
वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को भेजे अपने जवाब में भाजपा ने कांग्रेस नेताओं के समान भाषा का प्रयोग किया है. प्रणव मुखर्जी इस मुद्दे पर मंत्री समूह की बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं.
विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने पत्र में जवाब दिया, ‘‘भाजपा ने अपने रुख को लोकसभा में पहले ही स्पष्ट कर दिया है. पार्टी फिर कहती है कि जनगणना में जाति को शामिल किया जा सकता है.’’ स्वराज ने अपने जवाब में कहा, ‘‘हम सहमत हैं कि जाति को इस तरह से शामिल किया जाना चाहिए कि इससे जनगणना की एकता प्रभावित नहीं हो.’’ मुखर्जी ने सात जुलाई को भाजपा और अन्य राजनीतिक पार्टियों के विचार मांगे थे और एक महीने की समय सीमा तय की थी.