बिहार के दरभंगा से सांसद कीर्ति आजाद को बीजेपी ने पार्टी से सस्पेंड कर दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आजाद पर पार्टी विरोधी गतिविधि करने का आरोप लगाया है. आजाद पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाकर गतिविधि की हैं.
सच बोलने की सजा: आजाद
निलंबन के बाद मीडिया के सामने आए कीर्ति
आजाद ने कहा कि मैंने कोई पार्टी विरोधी गतिविधि नहीं की. मैं 9 साल से इस
मुद्दे को उठा रहा हूं. अगर कोई जिम्मेदार है तो वो पार्टी स्वयं है. जो सच
बोलता है वो बाहर होता है. अब मैं बताता हूं. मैंने व्यक्तिगत किसी के
खिलाफ नहीं बोला. ये पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे हटाया गया.
आज तक से बातचीत में कीर्ति आजाद ने कहा कि उन्होंने अभी दूसरी पार्टी में जाने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन पार्टी को दो टूक चेतावनी जरूर दे डाली. उन्होंने कहा- देखिए आगे-आगे होता है क्या.
जेटली पर बोला था हमला
दरअसल कीर्ति आजाद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. आजाद ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेटली का नाम लिए बगैर आरोप लगाया था कि डीडीसीए में फर्जी कंपनियों को करोड़ों का भुगतान किया गया. आजाद पिछले काफी समय से डीडीसीए में कथित रूप से हुए भ्रष्टाचार को लेकर काफी मुखर रहे हैं.
शाह ने लिखा खत
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कीर्ति को खत लिखकर उनके निलंबन की जानकारी दी. शाह ने खत में लिखा कि पिछले कुछ महीनों से आपने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया है और पार्टी विरोधी गतिविधियां की हैं. आपने पार्टी को मुसीबत में डालने के लिए विरोधी दलों कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से सांठ-गांठ की. सदन के अंदर और बाहर दोनों जगह आपने पार्टी के विरोध में
गतिविधियां की.
शाह खत में आगे लिखते हैं कि आपने मीडिया में पार्टी विरोधी बयान दिए. आपके कामों से पार्टी और पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी. बार-बार ये मसला उठाकर आपने दल और उससे जुड़े लोगों को नीचा दिखाने की कोशिश की.अनुच्छेद 25 (नियम 10) के तहत संसदीय दल आपको पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करता है.