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बुरे फंसे बंसल मामा, इस्‍तीफे पर अड़ी BJP

एक ओर सतारूढ़ पार्टी कांग्रेस अपने दो मंत्रियों रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा नहीं लेने पर अड़ी हुई है तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टी बीजेपी उनके इस्तीफे की मांग की जिद पर संसद नहीं चलने दे रही है. बीजेपी ने यह तय किया है कि वो कांग्रेस की इस दादागीरी का जवाब गांधीगीरी से देगी और इन दोनों मंत्रियों से कांग्रेस को इस्तीफा लेना ही पड़ेगा.

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भारतीय संसद
भारतीय संसद

एक ओर सतारूढ़ पार्टी कांग्रेस अपने दो मंत्रियों रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार से इस्तीफा नहीं लेने पर अड़ी हुई है तो दूसरी ओर विपक्षी पार्टी बीजेपी उनके इस्तीफे की मांग की जिद पर संसद नहीं चलने दे रही है. बीजेपी ने यह तय किया है कि वो कांग्रेस की इस दादागीरी का जवाब गांधीगीरी से देगी और इन दोनों मंत्रियों से कांग्रेस को इस्तीफा लेना ही पड़ेगा.

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मंगलवार को संसद सत्र से पहले विपक्षी पार्टी बीजेपी ने संसदीय दल की बैठक में यह तय किया कि जब तक दोनों मंत्री (पवन बंसल और अश्विनी कुमार) इस्तीफा नहीं देते तब तक खाद्य सुरक्षा विधेयक और भूमि अधिग्रहण विधेयक को पार्टी पारित नहीं होने देगी. पार्टी ने यह भी तय किया कि अगर यूपीए जबरदस्ती इसे पारित करवाने की कोशिश करेगी तो उसे ऐसा करने से रोकने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को कहा जाएगा. बैठक के बाद नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा, ‘अगर उन्होंने दादागीरी की तो हम गांधीगीरी से देंगे जवाब.’

हालांकि कांग्रेस खाद्य सुरक्षा बिल को पारित करवाने पर अडिग दिख रही है और उसने व्हिप जारी कर वोटिंग के दौरान अपने सभी सांसदों को मौजूद रहने का निर्देश दिया है. खाद्य सुरक्षा बिल अगर संसद के पटल पर रखा गया और बीजेपी वॉक आउट करती है, तो भी यह पास हो जाएगा क्योंकि वाम दल और तृणमूल पार्टी ने इसे पास कराने के लिए अपना समर्थन दे दिया है.

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मंगलवार को भी सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और भारी शोर-शराबे के बीच कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री ने कोयला और कानून मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक बुलाई तो अहमद पटेल से उन्होंने राजनीतिक गतिविधियों पर विचार विमर्श किया.

दूसरी ओर विपक्षी पार्टी बीजेपी ने अपने शीर्ष नेताओं, महासचिवों और प्रवक्ताओं की मीटिंग बुलाई और सत्तारूढ़ पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी रणनीति तय की.

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