बीजेपी ने गुलाम नबी आजाद के उस बयान की तीखी आलोचना की है, जिसमें उन्होंने RSS की तुलना आतंकी संगठन IS से की थी. सोमवार को अब इसकी गूंज संसद में भी सुनाई देगी, क्योंकि केंद्र सरकार इसको लेकर कांग्रेस को सदन में घेरने की तैयारी में है.
बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कुछ सांसद सोमवार को सदन में यह मुद्दा उठाएंगे और गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग करेंगे. रविवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बयान से साफ हो गया है कि कांग्रेस आतंकी संगठन के साथ है. उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का आतंकियों का समर्थन करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. कांग्रेस पहले भी ओसामा बिन लादेन की मौत पर उदास हुई, अफजल गुरु को गौरवान्वित किया और इशरत जहां की वकालत की.'
नकवी ने आरोप लगाया कि गुलाम नबी आजाद ने आरएसएस की आलोचना करने के बहाने आईएसआईएस का समर्थन कर रहे हैं. केंद्रीय राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने भी कहा कि जब भी कांग्रेस का धरातल सरकने लगता है, तो उसे आरएसएस फोबिया हो जाता है.
दिग्विजय सिंह ने किया आजाद का समर्थन
दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह गुलाम नबी आजाद के बयान के समर्थन में खड़े हो गए हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया है कि आरएसएस और आईएसआईएस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. हालांकि, कांग्रेस के ही नेता मनीष तिवारी ने मामले को दबाने की कोशिश करते हुए कहा कि आरएसएस देश में एक समस्या है, जबकि आईएसआईएस पूरी दुनिया में मानवता के लिए खतरा बन गया है.
गौरतलब है कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष आजाद ने शनिवार को मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में कहा कि वह आईएसआईएस जैसे संगठनों का उसी तरह विरोध करते हैं, जैसे आरएसएस का विरोध करते हैं. उन्होंने कहा था, 'अगर इस्लाम में ऐसे लोग हों जो गलत चीजें करते हैं, तो वे आरएसएस से किसी तरह कम नहीं हैं.'