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दिल्ली के नालों की सफाई में हो रहे भ्रष्टाचार की हो जांच- विजेंदर गुप्ता

विजेंद्र गुप्ता ने उप राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि पिछले तीन वर्षों में नालों की सफाई पर विभागीय और ठेकेदारों के माध्यम से किए गये खर्च, नालों से निकाली गयी गाद की मात्रा, इसे नालों से निकालकर कहां डाला गया इसकी पूरा जांच हो.

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विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र
विजेंद्र गुप्ता ने उपराज्यपाल को लिखा पत्र

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दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में मानसून से पहले हुई बारिश ने आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा नालों को साफ-सफाई करने के दावों की पोल खोल दी है. दिल्ली का कोई ऐसा क्षेत्र ऐसा नहीं था जहां जलभराव की समस्या न रही हो. गुप्ता ने कहा कि दिल्ली 2001 के मास्टर प्लान में ड्रेनेज का मास्टर प्लान बनाने की सिफारिश की गई थी जिसकी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की थी. लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारी को निभाने में विफल रही है और अभी तक इस पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है. दिल्ली को जलभराव से बचाने के उपायों को लेकर, दिल्ली सरकार को कई बार लिख चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री इस मामले पर राजनीति करके अपनी जिम्मेदारी अन्य सरकारी संस्थानों पर डालकर पल्ला झाड़ लेते हैं.

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विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली में जलभराव की मुख्य वजह लोक निर्माण विभाग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र के नालों और दिल्ली जल बोर्ड द्वारा सीवर की कॉस्मेटिक सफाई करना है. दिल्ली में नजफगढ़ ड्रेन, कुशक नाला और बारामूला नाला जैसे कई बड़े नालों में ऊपर तक गाद भर गई है और बारिश का सारा पानी के नालों के जरिए मुख्य नालों में डिस्चार्ज होने के स्थान पर सड़कों पर फैल जाता है. इसी वजह से पानी छोटे-बड़े गढ्ढे पैदा कर देता है. इन गड्ढों में पानी भरने के साथ ही पैदल यात्रियों और ट्रैफिक जाम की परेशानी को केवल भुक्तभोगी ही जानते हैं, दिल्ली सचिवालय में बैठकर इसका अनुभव नहीं हो सकता.

विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली में नालों की सफाई के नाम पर हर साल बहुत बड़ा घोटाला होता है, जिसे अज्ञात कारणों से उच्च स्तर पर दबा दिया जाता है. गुप्ता ने उप राज्यपाल को पत्र लिखकर मांग की है कि पिछले तीन वर्षों में नालों की सफाई पर विभागीय और ठेकेदारों के माध्यम से किए गये खर्च, नालों से निकाली गयी गाद की मात्रा, इसे नालों से निकालकर कहां डाला गया इसकी पूरा जांच हो. साथ ही सफाई के इस काम के लिए कितने ट्रक आदि लगाए गए और कितना विभागीय स्टाफ लगाया गया जैसे बिन्दुओं की पूरी जांच एंटी करप्शन ब्यूरो के माध्यम से करायी जाए. ताकि भविष्य में नालों की सफाई के माध्यम से होने वाले वार्षिक भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके और नालों की सफाई ठीक प्रकार से होकर दिल्ली की जनता को जलभराव की समस्या से मुक्ति मिल सके.

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