कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बेशक फॉर्म में हैं लेकिन लंबे समय से उठ रही प्रियंका गांधी को राजनीति में लाने की मांग, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए संजीवनी साबित होगी. जानिए क्यों बीजेपी भी चाहेगी प्रियंका की राजनीति में एंट्री?
फीका पड़ा नेहरू-गांधी का जादू
लोकसभा चुनाव सहित कई विधानसभा चुनावों में वंशवाद की राजनीति को जनता ने पूरी तरह खारिज कर दिया है. नतीजतन देश की नसों में बहने वाले नेहरू-गांधी परिवार की चमक फीकी पड़ रही है जिसे खुद प्रियंका भी नहीं लौटा सकती.
नया नेता, नया गांधी नहीं
देश के माहौल को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस को ऐसे युवा, ऊर्जावान और नए चेहरे की जरूरत है जो जनता में फिर से कांग्रेस के प्रति विश्वास पैदा कर सके. इसके लिए नए नेता की दरकार है, नए गांधी की नहीं.
राजनीतिक नौसिखिया हैं प्रियंका
राजनीतिक तौर पर प्रियंका गांधी की भूमिका बेहद कम रही है. उन्होंने अपनी मां सोनिया और भाई राहुल के प्रचार के अलावा पार्टी का कोई बड़ा काम प्रत्यक्ष तौर से नहीं किया. न ही उन्होंने रायबरेली और अमेठी के अलावा चुनाव प्रचार किया.
जब दुश्मन मजबूत हो...
लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मोदी की आंधी और अमित शाह की रणनीति ने शानदार काम किया है. दोनों ने मिलकर पार्टी को बेहद मजबूत किया है. दोनों की जोड़ी के आगे प्रियंका राजनीति के अखाड़े में कहीं नज़र नहीं आती है.
प्रियंका के साथ विवाद भी आएंगे!
अगर प्रियंका राजनीति का बिगुल फूंकती हैं तो सबसे ज़्यादा खुश होने वालों में भाजपा होगी. दरअसल प्रियंका आगे बढ़ने से उनके पति रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े विवाद भी चर्चा में आएंगे. जो साफ छवि वाली प्रियंका गांधी को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बैकफुट पर ले जाएंगे.
सौजन्यः न्यूजफ्लिक्स