ओबामा की भारत यात्रा को कामयाब माना जा रहा है. सेहरा मोदी के सर बंध चुका है. अब मोदी ने जीतकर आए योद्धा की तरह दिल्ली चुनाव पर ध्यान लगा दिया है. हर सूरत में बीजेपी दिल्ली की सत्ता को हासिल करना चाहती है. मोदी मैदान में हैं तो रैलियों का 'चौका' लगाने की रणनीति बनी है. ओबामा दौरे को उपलब्धि के तौर जनता के बीच रखे जाने का खाका तैयार है.
दिल्ली का चुनावी माहौल फिर से गर्म है. मोदी पांच दिनों में चार रैलियां करने वाले हैं. इनमें जनता को सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ बताया जाएगा कि ओबामा के दौरे से भारत को क्या मिला. हालांकि विपक्षी दल AAP और कांग्रेस जनता को इस दौरे के खिलाफ दलील दे सकते हैं. दोनों पार्टियों ने भी मोदी के खिलाफ कमर कस ली है. लेकिन मोदी को कमतर दिखाना आसान नहीं होगा. बीजेपी नेताओं ने जनता से कहना शुरू कर दिया है कि मोदी ने ओबामा के साथ मिलकर विकास का नया फार्मूला तैयार किया है. देश में सबसे पहले कुछ भी नया होगा तो शुरूआत दिल्ली से होना लाजमी है.
दिल्ली में भाजपाई जोर-शोर से बता रहे हैं कि किस तरह मोदी ने यूपीए सरकार के समय से अटके परमाणु करार को अपनी कुशलता से अमलीजामा पहनाया है. इस करार के बाद बिजली उत्पादन में क्रान्तिकारी बदलाव होंगे. स्मार्ट शहरों का विकास, सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता और रक्षा और बीमा क्षेत्रों में विदेशी निवेश को लेकर भी जो करार मोदी ने ओबामा से किए हैं, वो भारत की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करेंगे.
अब दिल्ली की जनता ओबामा के भारत दौरे की कामयाबी पर मोदी को सेहरा बांधेगी या फिर मुद्दे भ्रष्टाचार, सस्ती बिजली ही होंगे. कसौटी पर एक बार फिर मोदी ही हैं, जो जनता को लुभाना बाखूबी जानते हैं.