भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकारी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को नागरिकता संशोधन अधिनियम की कोई जानकारी नहीं हैं.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए जे. पी. नड्डा ने कहा, 'मैं विपक्षी पार्टियों से पूछता हूं कि आखिर सीएए को लेकर क्या दिक्कत है? मैं राहुल गांधी से कहता हूं कि वो नागरिकता संशोधन अधिनियम पर 10 लाइन बोलकर दिखाएं. यह कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि उसके नेतृत्व के पास बहुत कम दिमाग है. कांग्रेस नेतृत्व सीएए के बारे में कुछ जानता ही नहीं है. नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कांग्रेस नेतृत्व सिर्फ देश को गुमराह कर रहा है.'
पाकिस्तान से आए शरणार्थियों से क्या बोले नड्डा?
नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में जे. पी. नड्डा ने यह बयान पाकिस्तान से आए अनुसूचित जाति के शरणार्थियों से मुलाकात के दौरान कही. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बना दिया, तब विपक्षियों ने वोटबैंक की राजनीति करते हुए लोगों को गुमराह करना शुरू कर दिया. विपक्षी दल लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि सीएए से उनकी नागरिकता चली जाएगी.
शरणार्थियों को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा कि सीएए से पहले भारत आए शरणार्थियों के बच्चों के स्कूल-कॉलेजों में दाखिला नहीं होता था, वो भारत में अपना घर नहीं बना सकते थे. हालांकि अब पीएम मोदी ने आपका रास्ता साफ कर दिया है. अब आप भारत के नागरिक हैं और भारत के नागरिक के सभी अधिकार आपको प्राप्त हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जो लोग भारत में आए हैं, उनमें से ज्यादातर दलित हैं. कोई पाकिस्तान से आया है, ,तो कोई बांग्लादेश से.
नड्डा ने बताया, महात्मा गांधी ने क्या कहा था
जे. पी. नड्डा ने कहा कि जो लोग अपने जीवनयापन की लड़ाई लड़ रहे हैं, ऐसे लोगों को पीएम मोदी ने नागरिकता देकर मुख्यधारा में लाने का काम किया है. नड्डा ने कहा कि उस समय महात्मा गांधी ने कहा था कि जो लोग पाकिस्तान में हैं और हिन्दू, जैन व बौद्ध होने के कारण सुरक्षित नहीं है, उन्हें भारत लाने का प्रयास किया जाना चाहिए. साथ ही उनको जीवन जीने का अधिकार दिया जाना चाहिए.
बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था. साल 1947 में लाखों लोगों को अपना घर और संस्कृति को छोड़कर जान बचाकर यहां आना पड़ा. उस दौरान 20वीं सदी का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ था और लाखों लोग मारे गए थे. नागरिकता संशोधन हमारे घोषणा पत्र से लेकर हमारी सोच में शुरू से विद्यमान था. देश की जनता ने हमें ताकत दी और हमारे सांसद चुनकर आए. इसके बाद हमने नागरिकता संशोधन अधिनियम बनाने का काम किया.