भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पश्मिच बंगाल के कोलकाता में अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए कहा कि बंगाल श्यामा प्रसाद मुखर्जी की धरती है, यहां अनुच्छेद 370 पर बोलना सौभाग्य की बात है.
जेपी नड्डा ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद कश्मीर को विशेष दर्जा देने की मांग करते हैं, वे देश की जनता को गुमराह करते हैं. भारतीय संविधान में अनुच्छेद 370 को अस्थाई और बदले जा सकने योग्य लिखा है. लेकिन इस मुद्दे पर इन्होंने घाटी के लोगों को गुमराह करने की पूरी कोशिश की है.
जेपी नड्डा ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू ने शेख अब्दुल्ला से कहा था कि कश्मीर पर भीम राव अंबेडकर से मुलाकात करें. अंबेडकर ने शेख अब्दुल्ला से कहा था कि आप हमसे उम्मीद करते हैं कि हम सुरक्षा दें, खाना दें, लेकिन भारत की जनता कश्मीर की जनता नहीं होगी, यह हमें मंजूर नहीं है. कानून मंत्री के तौर पर यह मुझे मंजूर नहीं.
अनुच्छेद 370 का मकसद जम्मू-कश्मीर को भारत के संविधान में शामिल करना था. 35ए के एक हिस्से के तहत यह तय होता था कि जम्मू-कश्मीर का नागरिक कौन होगा. जो कि मौलिक अधिकार के खिलाफ था.
नड्डा ने कहा कि घाटी में लोग इसलिए भी खुश हैं क्योंकि अब तक उनके मौलिक अधिकारों को नकार दिया गया था. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद अब जम्मू-कश्मीर के सभी पंचायतों में भारत सरकार का पैसा सीधे पहुंच सकेगा. अब तक यह पैसा वहां के नेताओं द्वारा जेब में डाला जाता था.