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झंडा हटाने पर बंगाल में चलीं गोलियां और बम, 3 बीजेपी और एक TMC कार्यकर्ता की मौत

पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में शनिवार रात सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. बासिरहाट शहर के संदेशखाली में पार्टियों के झंडे हटाने के बाद दोनों के भी हिंसा भड़क उठी. यह घटना नजत इलाके में हुई, जिसमें 4 कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया जा रहा है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर।
प्रतीकात्मक तस्वीर।

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पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में शनिवार रात सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. बासिरहाट शहर के संदेशखाली में पार्टियों के झंडे हटाने के बाद दोनों के भी हिंसा भड़क उठी. यह घटना नजत इलाके में हुई, जिसमें 4 कार्यकर्ताओं के मारे जाने का दावा किया जा रहा है. इनमें से तीन भाजपा और एक टीएमसी के बताए जा रहे हैं. नजत इलाका भारत-बांग्लादेश सीमा के पास है.

बताया गया कि झड़प में बुरी तरह घायल टीएमसी कार्यकर्ता कयूम मोल्ला को बासिरहाट के मिनाका ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. दोनों पार्टियां कार्यकर्ताओं की मौत पर एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं. मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम तपन मोंडल, सुकंता मोंडल और प्रदीप मोंडल बताए जा रहे हैं.

बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने शेख शजाहन और उनके गैंप के बनाए गए बम और बंदूकों से बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया. वहीं उत्तरी 24 परगना जिले के प्रभारी और ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री ज्योतिप्रियो मौलिक ने कहा, 'जब क्यूम पार्टी की बैठक में शामिल होने जा रहे थे, जब उन्हें बंधक बना लिया गया. जब उन्होंने खुद को छुड़ा लिया तो गोली मार दी गई. बीजेपी जिले की शांति को भंग कर माहौल खराब कर रही है.'' मौलिक ने बीजेपी को क्यूम मोल्ला की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी के गुंडों ने उन्हें मार डाला. वहीं बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने ट्वीट कर दावा किया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी. 

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इससे पहले शनिवार दोपहर को लोकसभा चुनाव में मिली शानदार जीत का जश्न मना रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हो गई, जिसमें एक सब-इंस्पेक्टर और 2 नागरिक कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए. तीनों को गंगारामपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी पुलिस लाठीचार्ज में चोट आई है. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. बीजेपी के 20 कार्यकर्ताओं को भी हिरासत में लिया गया है.

दरअसल शनिवार को साउथ दिनाजपुर जिले के बुनियादपुर और गंगारामपुर में बीजेपी कार्यकर्ता प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और मिदनापुर से सांसद दिलीप घोष की अगुआई में विजय जुलूस निकाल रहे थे. तभी प्रशासन ने विजय जुलूसों को रोकने की कोशिश की. इसके बाद बवाल शुरू हो गया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर रिभू भट्टाचार्य के सिर में चोट आई और दो नागरिक घायल हो गए. घटनास्थल पर बवाल बढ़ता देख घोष को बीजेपी कार्यकर्ता सुरक्षित स्थान पर ले गए. पुलिस को भी भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

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 भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी पुलिस बल पर ईंट-पत्थर बरसाए और लाठी-डंडे लेकर पुलिस वालों के पीछे दौड़ पड़े. उन्होंने पुलिस की कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया. घोष ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने मिलकर झगड़ा शुरू किया और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पहले हमला किया. झड़प करीब 3 घंटे तक चली.

स्थिति पर दोपहर 2 बजे काबू पाया गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है और कई इलाकों में धारा 144 भी लागू है. इसके बावजूद बीजेपी ने विजय जुलूस निकाला. 6 मई को ममता बनर्जी ने यह कहकर जुलूस पर बैन लगाया था कि ये अशांति फैलाने के लिए आयोजित किए जाते हैं.

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