राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर के कई इलाकों में रसोई गैस की कालाबाजारी होने की शिकायतें मिल रही हैं. ग्रेटर नोएडा में एलजीपी की बड़ी कालाबाजारी पकड़ी गई है. गैस की कीमतों में इजाफे के बाद आशंका बनी हुई है कि कालाबाजारी बढ़ेगी, लेकिन एनसीआर में अभी तक सरकारी महकमे सोए हुए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या गैस एजेंसियों की मिलीभगत से गैस की कालाबाजारी हो रही है?
देश की राजधानी दिल्ली में गैस का गोरखधंधा धडल्ले से चल रहा है. आप एक-दो नहीं बल्कि पांच सिलेंडर चाहते हैं तो भी मिल जाएंगे. सरकार ने दावा किया था सब्सिडी हटने से कालाबाजारी करने वालों पर लगाम लगेगी, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.
दरअसल गैस की कालाबाजारी से उन दिल्लीवालों के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है जिनके पास कनेक्शन नहीं है. ऐसे उपभोक्ता गैस के छोटे सिलेंडर लेने को मजबूर हैं. गैस के छोटे सिलेंडर में अवैध फिलिंग करने वालों की भी बन आई है. हालांकि हादसों का खतरा बढ़ गया है. एलपीजी डिस्ट्रिब्यूटर एशोसिएशन का कहना है कि कालाबाजारी कुछ ही इलाकों में है.
दावों के उलट सच्चाई यही है कि कालाबाजारी अब भी बेरोकटोक जारी है. देखना ये है कि केवाईसी फार्म भरने के बाद कालाबाजारी में कितनी कमी आती है.
रसोई गैस पर सब्सिडी को सीमित करते वक्त सरकार ने दावा किया था कि इससे कालाबाजारी खत्म हो जाएगी. लेकिन चंद महीनों के हालात कुछ और ही कहते हैं. जो सिलेंडर ब्लैक मार्केट में 700 से 800 रूपये में मिलते थे, सब्सिडी कम होने के बाद उनकी कीमत 1200 से 1300 हो गई हैं. नतीजा ये कि कंज्यूमर पहले से ज्यादा परेशान हैं.