scorecardresearch
 

EXCLUSIVE: SIT रिपोर्ट से खुलासा, स्‍व‍िस बैंक से कालाधन निकालने में जुटे खाताधारी

एक ओर केंद्र सरकार विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने की कोशिशों में जुटी है. दूसरी ओर ब्‍लैकमनी रखने वाले लोग बड़ी तेजी से विदेशी बैंकों से अपने पैसे धड़ाधड़ निकालने में जुटे हैं.

Advertisement
X
क्‍या वादा पूरा कर पाएंगे वित्त मंत्री?
क्‍या वादा पूरा कर पाएंगे वित्त मंत्री?

एक ओर केंद्र सरकार विदेशी बैंकों में जमा कालेधन को वापस लाने की कोशिशों में जुटी है. दूसरी ओर ब्‍लैकमनी रखने वाले लोग बड़ी तेजी से विदेशी बैंकों से अपने पैसे धड़ाधड़ निकालने में जुटे हैं.

Advertisement

ब्‍लैकमनी को लेकर गठ‍ित विशेष जांच दल (SIT) की पहली रिपोर्ट आज तक के हाथ लगी है, जिसमें यह जानकारी दी गई है. रिपोर्ट SIT के सदस्‍य जस्‍टिस एमबी साह और अरिजीत पसायत ने सुप्रीम कोर्ट में इसी साल अगस्‍त में जमा कराई है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सीधे मॉनिटरिंग कर रहा है.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सरकार पाई-पाई काला पैसा लाने का वादा पूरा कर पाएगी? आजतक के पास कालेधन पर बनी SIT की पहली रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट में जो कुछ कहा गया है, उससे साफ है कि मोदी सरकार के लिए मिशन कालाधन बेहद मुश्किल है. आजतक को मिले दस्तावेज के मुताबिक SIT ने अपनी पहली रिपोर्ट में इन तथ्‍यों का खुलासा किया है:

---एचएसबीसी बैंक ने भारत को कालेधन कुबेरों की जो सूची सौंपी है, उसमें बैंक स्टेटमेंट और खाता खोलने जैसी बुनियादी जानकारी तक नहीं है.

Advertisement

---628 नामों में 289 लोगों के खाते में कितना काला धन है, इसका कोई पता नहीं है.

---एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 329 लोगों के रकम का जिक्र है.

---एसआईटी रिपोर्ट पर आजतक के मिले एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, ज्वाइंट अकाउंट या लाभार्थी की वजह से 122 नामों का दोहराव है.

---142 मामलों में तलाशी और जब्ती के स्तर पर जांच चल रही है. 8 मामलों में सर्वे चल रहा है. 418 मामलों में खुली जांच है.

---एसआईटी के मुताबिक, 2002 से 2011 के बीच भारत में तीन लाख 43 हजार 922 मिलियन डॉलर कालाधन था.

---2011 में भारत में 84 हजार 933 मिलियन डॉलर कालाधन था.

---एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक, 2006 से 2011 के बीच कालेधन लेन-देन में बड़े पैमाने पर तेजी आई.

---एसआईटी चाहती है कि सरकार दोहरा कराधान नीति को बदले.

---एसआईटी ऐसे प्रावधान चाहती है, जिससे खातों के बारे में जानकारी संबंधित जांच एजेंसियों से साझा की जा सके.

रविवार को पीएम ने खुद कहा था कि विदेशों में कितना काला धन जमा है, उन्हें नहीं पता. एसआईटी रिपोर्ट से भी इसकी तस्दीक होती है. साफ है कि सरकार के लिए पाई-पाई लाना आसान नहीं होगा.

Live TV

Advertisement
Advertisement