काला धन रोधी बिल को मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है. इस बिल में एक छोटी अवधि की राहत दिए जाने का प्रावधान है, जिसमें इनकम टैक्स देने वाले विदेशों में जमा धन व संपत्ति की जानकारी देने के साथ ही टैक्स व जुर्माना चुकाकर जेल जाने से बच सकेंगे. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि अघोषित विदेशी आय व संपत्ति (नया कर) बिल शुक्रवार 2015 को लोकसभा में रखा जाएगा.
इस बिल में विदेशी संपत्ति से संबंधित टैक्स की चोरी करने वालों को अधिकतम 10 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है. बिल के प्रावधानों के तहत विदेशी आय व संपत्तियों को छिपाना समझौते के अयोग्य होगा और उल्लंघन करने वालों को विवाद को सुलझाने के लिए समझौता आयोग जाने की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही छिपाई गई आय या संपत्ति पर लगने वाले टैक्स का 300 फीसदी की दर से जुर्माना भी देना होगा.
नए कानून के मुताबिक, किसी भी अघोषित विदेशी संपत्ति या विदेशी संपत्ति से अघोषित आय पर टैक्स अधिकतम सीमांत दर के हिसाब से लगेगा. विदेशी संपत्ति के लाभार्थी को रिटर्न दाखिल करना जरुरी होगा, चाहे वह इनकम टैक्स योग्य हो या नहीं. अन्यथा सात साल का कारावास हो सकता है.
दैनिक समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की पिछले महीने की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2006-07 के दौरान एचएसबीसी बैंक की जेनेवा शाखा में 1,195 भारतीयों के खाते थे. रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने 350 विदेशी खातों का आंकलन पूरा कर लिया है, जबकि 60 खाताधारकों के खिलाफ टैक्स चोरी की कार्रवाही शुरू की गई है.
हालांकि भारत के पास अवैध रूप से विदेशों में रखे धन का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, लेकिन अनाधिकारिक अनुमान के मुताबिक यह 466 अरब डॉलर से लेकर 1,400 अरब डॉलर हो सकता है.
इनपुट- IANS