सरकार ने गुरुवार को कहा कि जल्द ही कालाधन रखने वालों को सजा होगी और वे कालाधन लाने को मजबूर होंगे. हालांकि ऐसा होने में उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कालेधन पर बुधवार को शुरू हुई विशेष चर्चा का गुरुवार को जवाब देते हुए कहा, '100 दिन, 500 दिन या 1000 दिन, चाहे जितना भी समय लगे आखिरी खाते वाले (कालाधन रखने वाले) को पकड़े जाने तक हम पीछा करना जारी रखेंगे. हम यह प्रक्रिया पूरी करेंगे. जल्द ही लोगों को सजा होगी और वे कालाधन लाने को मजबूर होंगे.'
जवाब से असंतुष्टि जताते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. जेटली ने दावा किया कि सरकार कालाधन मामले में सही रास्ते पर चल रही है. साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं ईमानदारी से स्वीकार करता हूं कि हमारे कानून में कमजोरी है कि पकड़ा गया पैसा आएगा कैसे. इस बात को लेकर एसआईटी भी चिंतित है.'
उन्होंने कहा कि अगर हम बाहर से ऐसा पैसा नहीं ला सकते हैं (विदेशों में कालाधन के खाताधारकों का) तो हमें देश में उसकी संपत्ति से उतने मूल्य की वसूली की जा सकती है. वित्त मंत्री ने कहा, 'एक अन्य कठिनाई गोपनीयता प्रावधान की है. भारत ने जितने भी देशों के साथ इस बारे में संधि की है उसमें गोपनीयता की शर्त जुड़ी हुई है. दुनिया इसे छोड़ने को तैयार नहीं है.'
उन्होंने कहा कि वह इस बारे में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करेंगे कि वह गोपनीयता मामले में थोड़ा ध्यान दे. उन्होंने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि जानकारी दी जाए या नहीं बल्कि सवाल यह है कि जानकारी कब और कैसे दी जाए.'
विदेशों में जमा कालेधन का पता लगाने के बारे में सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए जेटली ने कहा कि सरकार ने एचएसबीसी सूची से जुड़े 427 खाताधारियों की पहचान की है और 31 मार्च 2015 तक कर आकलन को पूरा करने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि कई मामलों में अभियोजन पहले ही शुरू हो चुका है, हर सप्ताह मामले दर्ज किए जाएंगे और नाम सार्वजनिक होंगे.
उन्होंने संकेत दिया, 'जब मीडिया को इसका पता चलेगा तो वह देखेगा कि सूची में (विदेशी खाता धारकों की) बहुत प्रभावी लोग भी हैं.' वित्त मंत्री ने कहा कि हमने जो अर्थव्यवस्था पाई है वह पिछले कुछ सालों से खराब स्थिति में चल रही है और विश्व के निवेशकों की यह शिकायत है कि हमारे यहां की कर व्यवस्था करदाताओं के अनुकूल नहीं है.
जेटली ने कहा कि सरकार को बहुत सतर्क होकर आगे बढ़ना होगा, क्योंकि तुरंत नामों का खुलासा कर देने से कालाधन के खाताधारकों को ही मदद मिलेगी क्योंकि इससे वे सतर्क हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि विदेशों में अवैध खाताधारियों में से कुछ ने उनमें से अपना धन पहले से ही निकाल लिया है और इसे देखते हुए हमें कोई अनावश्यक बहादुरी और दुस्साहस नहीं दिखाना चाहिए.
उन्होंने बताया कि लिचेंसटीन के 18 अवैध खाताधारियों ने उनमें से अपना धन निकाल लिया है. पिछली यूपीए सरकार पर जेटली ने आरोप लगाया कि कालाधन के मुद्दे पर उसने टालमटोल की नीति अपनाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तीन सालों तक एसआईटी का गठन नहीं किया, जबकि एनडीए सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में इसे गठित करने का फैसला किया. लोकसभा से वाकआउट करने से पहले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे ने वित्त मंत्री के जवाब पर असंतोष जताते हुए कहा कि वह केवल प्रक्रियात्मक मुद्दों की बाते कर रहे हैं, जिन्हें पहले ही बताया जा चुका है.
इनपुट भाषा से