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मजदूर के खाते में रखा कालाधन, लौटाने से आनाकानी पर की पिटाई...

राजस्थान के राजसमंद में व्यवसायियों ने मजदूर के खाते में जमा कराया काला धन, वापस लौटाने से मना करने पर की जमकर धुनाई...

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प्रतीकात्मक तस्वीर- मजदूर
प्रतीकात्मक तस्वीर- मजदूर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही गरीबों को कहा हो कि जिन गरीबों के खाते में अमीरों ने पैसे जमा करवाए वो गरीब उनका पैसा नहीं लौटाएं लेकिन जमीनी परिस्थिति कुछ और ही है. पहले जिस बात का डर था वह अब हकीकत में बदलता जा रहा है. ऐसी ही घटना का जिक्र राजस्थान के राजसमंद से आ रहा है. यहां दो मार्बल व्यववसायियों ने नोटबंदी के बाद काली कमाई अपने यहां काम करने वाले मजदूरों के खाते में जमा करवाई थी. जब एक मजदूर ने वह पैसा उन्हें नहीं देने को कहा तो उसे बुरी तरह पीटा गया. मामला पुलिस तक पहुंचा तो एसपी ने मजदूर का मेडिकल कराकर दोनों मार्बल व्यवसायियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.

क्या कहती है पुलिस?
पुलिस के अनुसार राजसमंद रॉयल मार्बल व सोनम मार्बल के मालिक गोपाल जैन और महावीर जैन ने नोटबंदी के बाद अपने यहां काम करनेवाले मजदूर इंद्र सिंह राजपूत के खाते में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों के साथ ढाई लाख रुपया जमा करवाए. तब मजदूर से यह बात कही कि साल भर में लौटाते रहना. लेकिन अब मजदूर कह रहा है कि मार्बल व्यवसायी उसे गाड़ी में भरकर नाथ द्वारा के बैंक आफ बड़ौदा की शाखा में ले गए. वहां का बैंक मैनेजर एनके सढाय मार्बल व्यवसायियों के साथ मिला हुआ था और उसने जबरन हस्ताक्षर करवा कर र पहले चेक बुक निकलवाए और फिर चेक पर हस्ताक्षर करवाए.
इस घटना के बाद से मार्बल व्यवसायी फरार हैं. वहीं मजदूर पर व्यवसायियों के घरवाले समझौते का दबाव बना रहे हैं. मिलीभगत के आरोपों पर बैंक मैनेजर का कहना है कि मजदूर के खाते में अचानक राशि आने की वजह से उसे बुलाया गया था. उन्होंने बैंक के अंदर कोई मारपीट नहीं की है.

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मजदूर के कहे अनुसार उस पर चाकू से हुआ हमला
इस पूरे मामले में मजदूर का कहना है कि जब वह बैंक जाने के लिए राजी नहीं हुआ तो बस स्टैंड के नजदीक उस पर चाकू से हमला किया गया. उसके सिर पर चोटें आई हैं. व्यवसायियों ने उसे साल भर में आराम से पैसे देने की बात कह कर पैसे जमा कराए थे.

पुलिस के अनुसार ऐसी घटनाओं के बढ़ने के आसार
दूसरी तरफ राजस्थान के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने गंगापुर सिटी के एक स्लेट फैक्ट्री के मालिक गोपाल गुप्ता को गिरफ्तार किया है. गुप्ता की फैक्ट्री में 32 साल का विरेंद्र मजदूरी किया करता था. नोटबंदी के बाद विरेंद्र के खाते में उसके फैक्ट्री मालिक ने सात लाख रुपए जमा करवाए थे. इस बीच विरेंद्र की मौत हो गई और मरने के बाद विरेंद्र के एकाउंट से बैंक मैनेजर की मिलीभगत कर एक हीं दिन में फैक्ट्री मालिक ने साथ लाख रुपए निकाल लिए.
एडिशनल एसपी करन शर्मा के अनुसार आरोपी गोपाल गुप्ता ने नोटबंदी के बाद सभी मजदूरों के एकाउंट में पैसे डलवाए थे और सबसे पूरे चेकबुक पर साईन करवा कर रख लिए थे. हैरत की बात यह है कि जब एक सप्ताह में एक व्यक्ति 24000 ही अपने अकाउंट से निकाल सकता है तो फिर फैक्ट्री मालिक ने सात लाख कैसे निकाल लिए. पूरे मामले की जांच अब एसओजी कर रही है.


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