बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में कालाधन को मुद्दा बनाया. सरकार बनने से पहले और बाद में नरेंद्र मोदी ने वादा किया कि वह कालाधन वापस लाएंगे. सोमवार को तमाम सियासी कयासों के बीच केंद्र सरकार ने विदेंशी बैंकों में खाताधारक तीन नामों का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा और अब एक दिन बाद ही कोर्ट ने मामले में केंद्र सराकर को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह बुधवार तक विदेशी बैंकों में सभी खाताधारकों के नाम SIT को सौंप दे.
मंगलवार का दिन यकीनन केंद्र सरकार के लिए मंगल नहीं रहा है, क्योंकि दिनभर में दो बार सरकार को सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुननी पड़ी है. सुबह दिल्ली में सरकार को लेकर फटकार से हुई तो दिन ढलते-ढलते कोर्ट ने कालेधन पर सरकार को लपेट लिया. कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए कहा कि नई सरकार कोर्ट को नए कानून न बताए. वह सिर्फ नामों की सूची सौंप दे, कोर्ट खुद जांच करवा लेगी. यही नहीं, अदालत ने कहा कि जांच कैसे करवानी है कोर्ट यह जानती है.
सरकार सौंपेगी नामों की सूची
दूसरी ओर, केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि वह बुधवार को एक सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को विदेशी बैंकों में खाताधारकों के नामों की सूची कोर्ट को सौंप देगी. मामले में वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि कोर्ट ने सरकार से कहा है कि जिनके खिलाफ कालाधन मामले में केस शुरू हो गया है, उनके नाम सरकार को बताने होंगे.