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ब्लैकबेरी ने भारत की चिंताओं के तकनीकी हल की पेशकश की

ब्लैकबेरी की कुछ सेवाओं को लेकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर इस विशिष्ट मोबाइल हैंडसेट की विनिर्माता कनाडाई कंपनी, रिसर्च इन मोशन (रिम) ने इस मसले को सुलझाने के लिए कुछ तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने की पेशकश की. हालांकि, गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वह इस तकनीकी हल का आकलन करने के बाद ही कोई फैसला लेगा.

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ब्लैकबेरी की कुछ सेवाओं को लेकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर आज इस विशिष्ट मोबाइल हैंडसेट की विनिर्माता कनाडाई कंपनी, रिसर्च इन मोशन (रिम) ने इस मसले को सुलझाने के लिए कुछ तकनीकी समाधान उपलब्ध कराने की पेशकश की. हालांकि, गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि वह इस तकनीकी हल का आकलन करने के बाद ही कोई फैसला लेगा.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कनाडा की स्मार्टफोन कंपनी ने ब्लैकबेरी इंटरप्राइज सर्विसेज (बीईएस) तथा ब्लैकबेरी मैसेंजर सेवाओं (बीबीएम) पर भारत की सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर इन्हें हल करने के कुछ तरीके बताए हैं.

रिम के उपाध्यक्ष राबर्ट ई क्रो के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज गृह सचिव जी के पिल्लई से मुलाकात की और सरकार द्वारा दूरसंचार आपरेटरों तथा रिम को दिए गए नोटिस पर विचार-विमर्श किया. हालांकि, भारतीय पक्ष ने साफ कर दिया है कि वह विशेषज्ञों द्वारा इस प्रस्ताव की समीक्षा के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा.

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पिल्लई के साथ आधे घंटे की बैठक के बाद क्रो ने संवाददाताओं से इस मुद्दे को सुलझाने के बारे में कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है...’’ सरकार ने रिम तथा दूरसंचार आपरेटरों को सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए 31 अगस्त तक का समय दिया है. ऐसा नहीं होने पर इस मोबाइल फोन की लोकप्रिय सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा.

दूरसंचार सचिव पी जे थामस को भेजे पत्र में पिल्लई ने कहा है कि वह आपरेटरों तथा रिम को सूचित करें कि ब्लैकबेरी की बीईएस तथा बीबीएम सेवाओं की कानूनी तरीके से निगरानी की प्रणाली निर्धारित समय सीमा में बनाई जाए. देश में ब्लैकबेरी ग्राहकों की संख्या करीब दस लाख है. पिल्लई की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों, दूरसंचार विभाग और सार्वजनिक क्षेत्र की बीएसएनएन और एमटीएनएल के शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बाद यह पत्र भेजा गया है.

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यदि 31 अगस्त तक इसका कोई हल नहीं निकला तो अगला कदम उठाया जाएगा और इन सेवाओं पर रोक लगाई जाएगी.

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