स्विस बैंक खातों में जमा कथित कालेधन का पर्दाफाश करने को लेकर हाल ही हुई एक बैठक के बाद भारत और स्विट्जरलैंड के अधिकारी पुणे के घोड़ा व्यापारी हसन अली खान के खिलाफ टैक्स संबंधी अपराध के मामलों में आखिरी दौर की सुनवाई शुरू कर सकते हैं.
इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने कहा कि भारतीय अधिकारी खान और उसके सहयोगियों के बैंक खातों व लेनदेन के बारे में ‘अंतिम डाटा’ मांगने के लिए जल्द ही स्विट्जरलैंड की सरकार से संपर्क करेंगे. उन्होंने कहा कि हथियारों के वैश्विक सौदागरों के साथ खान के संबंध से जुड़े कुछ वित्तीय दस्तावेज स्विस अधिकारियों के पास ‘सत्यापन’ के लिए भेजे जाएंगे, क्योंकि लेनदेन को लेकर कथित तौर पर स्विट्जरलैंड के बैंकों का इस्तेमाल किया गया था.
सूत्रों ने कहा, ‘कुछ खातों में 80 करोड़ डॉलर के बैंक ट्रांसफर और इसके दूसरे माध्यमों के खातों से संबंधित कुछ जानकारी कुछ वर्षों से लंबित है. इसकी तह तक जाने के लिए स्विस अधिकारियों से बड़ी मदद की जरूरत है.’ उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों की हालिया सफल बैठक के बाद एजेंसियों को उम्मीद है कि यह मामला आगे बढ़ेगा जो कुछ महत्वपूर्ण जानकारी के लिए पिछले ढाई-तीन वर्षों से लटका हुआ है.’
सूत्रों ने कहा कि कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) भी इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करने और नतीजे तक पहुंचने को उत्सुक हैं क्योंकि खान की कथित कर चोरी की जांच एकमात्र मुद्दा है, जिसे इस दल के कार्य सबंधी दिशानिर्देश में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा, ‘एसआईटी ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को दिशानिर्देश दिया है कि वह इस विशेष जानकारी के लिए स्विस अधिकारियों से संपर्क करें ताकि दंड प्रक्रिया की जल्द शुरुआत की जा सके. खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई साल 2011 से मुंबई की एक अदालत में लंबित है.’ सूत्रों ने कहा कि खान के खिलाफ कथित कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की त्वरित सुनवाई का फैसला किया गया है.
आयकर, प्रवर्तन निदेशालय और मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा सहित कई एजेंसियां खान के खिलाफ कथित कर चोरी के मामले में अपनी शिकायतें दर्ज करा चुकी हैं. हाल ही में भारतीय राजस्व सेवा के तीन अधिकारियों के एक दल ने बर्न में अपने स्विस समकक्षों के साथ बैठक की थी, जिसका मकसद कालेधन के मामले में आगे की रणनीति बनाना तथा बेहतर सहयोग शुरू करना था.
- इनपुट भाषा से