गुजरात में 2002 के दंगों को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि घटनाओं के लिए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दोष लगाना अनुचित होगा. साथ ही उन्होंने मुस्लिमों तक हाथ बढ़ाने का प्रयास करते हुए आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी समुदाय के प्रति उसके रूख को लेकर किसी भी तरह के ‘भ्रम’ को दूर करने के लिए राजी है.
उन्होंने यहां कहा, ‘गुजरात भी हमारे राज्यों में एक है. मैं मानता हूं कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कौन इस बात से सहमत नहीं होगा कि वह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाने के प्रयास किये गये मानों दंगों की योजना मुख्यमंत्री ने ही बनायी हो.’
सिंह ने कहा कि मोदी के साथ उनकी निजी बातचीत में उन्होंने मुख्यमंत्री के चेहरों के भाव पढ़ने का प्रयास किया. ‘वह काफी दुखी नजर आ रहे थे. लोगों के साथ क्या गड़बड़ी है. क्या यह राजनीति है.’ बीजेपी अध्यक्ष ने दंगों के पीछे मोदी का हाथ होने के आरोपों का जिक्र करते हुए यह बात कही.
बीजेपी अध्यक्ष पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चे की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य के मुस्लिमों से पूछा जाना चाहिए कि क्या वे बीजेपी के शासन में भेदभाव महसूस कर रहे हैं. सिंह ने यह भी दावा किया कि बीजेपी घृणा की धारणा में विश्वास नहीं करती. उन्होंने कहा कि पार्टी ऐसी किसी भूल को दुरुस्त करने को तैयार है, जो उसने की हो. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के किसी भी ‘भ्रम’ को आपस में बातचीत से सुलझाया जा सकता है.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मुस्लिमों तक हाथ बढ़ाने का प्रयास करते हुए सिंह ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि यदि कोई मुद्दा, यदि कोई मुद्दा है तो हम बातचीत करके समाधान निकाल सकते हैं. जब बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं होगी तो गड़बड़ी पैदा होगी, जहां कहीं भी कोई गलती होगी, हम उसे दुरस्त करेंगे.’ सिंह ने कांग्रेस द्वारा ब्रिटिश शासन की ‘बांटो और राज करो’ की नीति कथित तौर पर अपनाये जाने की निंदा की.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, ‘कांग्रेस ने भले ही ब्रिटेन की कोई अन्य नीति अपनायी हो या नहीं लेकिन पार्टी ने उनकी बांटो एवं राज करो की नीति अवश्य अपना ली है. कांग्रेस तथा कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने ही देश में विभाजन के बीज बोये थे.’ उन्होंने स्वीकार किया कि बीजेपी के साथ काम करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को लोगों के बीच पार्टी की नीतियों का प्रचार करने में इस धारणा के कारण कठिनाई आती है कि पार्टी अल्पसंख्यकों को साथ लेकर चलने के खिलाफ है. सिंह ने कहा, ‘यह धारणा सच्चाई से परे है. हम इस प्रकार की राजनीति नहीं करते.’
बीजेपी प्रमुख की मोदी पर की गयी यह टिप्पणी पार्टी के नेता अरूण जेटली की टिप्पणी के एक दिन बाद आयी है. जेटली ने कहा था कि बीजेपी के प्रधामनंत्री पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि यह ‘हिट विकेट’ के समान होगा. उन्होंने कहा कि यदि आगामी आम चुनाव में मुख्य विपक्षी दल हारता है तो संभवत: यही एक मुख्य कारण होगा. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने संकेत दिया कि मोदी को बीजेपी का प्रधानमंत्री प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए.
बीजेपी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पार्टी अल्पसंख्यक सशक्तिकरण के लिए जल्द ही एक दृष्टिकोण पत्र लायेगी. इसमें अल्पसंख्यकों की शिक्षा, सुरक्षा, समृद्धि तथा शासन में भागीदारी को लेकर पार्टी के रूख को विस्तार से बताया जायेगा.