सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मुंबई के कैंपा कोला आवासीय परिसर के 96 फ्लैट्स के ढहाए जाने की कार्रवाई पर 31 मई 2014 तक के लिए रोक लगा दी है. न्यायमूर्ति जी.एस.सिंघवी की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कैंपा कोला आवासीय परिसर के फ्लैट्स के ढहाए जाने पर रोक लगा दी.
इससे पहले बुधवार को ही बृह्णमुंबई नगरनिगम (बीएमसी) सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश के अनुसार इन फ्लैट्स को ढहाने वाला था. कोर्ट ने बिल्डरों द्वारा नियमों के उल्लंघन की बात कहते हुए इन फ्लैट्स को गिराने के आदेश दिए थे.
कोर्ट ने इस आदेश पर वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरिमन की जिरह के बाद रोक लगाई. इससे पहले बीएमसी का एक दस्ता पुलिस बल की मौजदूगी में बुधवार को अवैध इमारतों को ढहाने के लिए कैंपा कोला परिसर में प्रवेश कर गया था.
स्थानीय लोगों ने मंगलवार को बीएमसी के दस्ते और पुलिस को आवासीय परिसर और पार्किंग के गेट के सहारे रोक दिया था. बीएमसी और पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार शाम यहां के अवैध फ्लैट्स और परिसर की बिजली, पानी और गैस की आपूर्ति रोक दी थी. वे हालांकि, आक्रामक तरीके से बुधवार सुबह वापस लौटे और बुलडोजर के सहारे मुख्य द्वारा को तोड़ते हुए परिसर में घुस आए. उनका विरोध कर रहे लोगों को हिरासत में लिया गया. इस दौरान यहां भारी भीड़ जमा हो गई थी.
एक स्थानीय निवासी ने मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पर दो तरह की बातें करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पहले भारत के महाधिवक्ता से राय लेने की बात कही और साथ ही साथ इमारत के ढहाने के आदेश दे दिए.
कैंपा कोला परिसर में 102 अवैध इमारतें हैं, जिनमें 140 परिवार रहते हैं, इसके निवासियों का कहना है कि ढहाने की प्रक्रिया में वे बेघर हो जाएंगे.
इधर राज्य सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप से मना कर दिया, जबकि असल में कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सहित सभी राजनीतिक पार्टियों ने स्थानीय लोगों के प्रति सहानुभूति जताई.
स्थानीय लोग इस दौरान इस बात पर अडिग रहे कि उन्हें बिल्डर की गलती सजा मिल रही है, जिसने उन्हें धोखा दिया. कैंपा कोला में सात ऊंची इमारतें हैं जो लगभग तीन दशक पुरानी हैं.
बिल्डरों को इसमें सिर्फ पांच मंजिला इमारतें बनाने की इजाजत थी, उन्होंने इन इमारत पर कई मंजिलें खड़ी कर लीं. सभी अवैध मंजिलें और फ्लैट्स तोड़-फोड़ का संकट झेल रहे हैं.
क्या है पूरा मामला?
कैंपा-कोला कंपाउंड में 96 फ्लैट्स अवैध रुप से बनाए गए थे. बीएमसी ने बिल्डरों को सिर्फ पांच मंजिल तक बनाने की इजाजत थी लेकिन बिल्डरों ने नियमों का उल्लंघन किया गया.
इससे पहले 12 अक्टूबर को मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने कैंपा कोला कंपाउंड का निर्माण करने वाले बिल्डर के खिलाफ जांच कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कैंपा-कोला कंपाउंड के सभी अवैध फ्लैट्स को तोड़ने का आदेश दिया था.