मुंबई महानगर पालिका जल्द ही बलात्कार पीड़ित लड़कियों के लिए अस्पताल में हेल्थ सेंटर खोलने जा रही है. इन हेल्थ सेंटरों में उनका मुफ्त इलाज तो होगा ही, साथ ही कानूनी, साइकोलॉजिकल मदद भी दी जाएगी. यह सुविधा बीएमसी के नायर, सायन और केईएम अस्पतालों में उपलब्ध होगी.
मुंबई में पिछले साल करीब हर महिने एक गैंग रेप का मामला दर्ज हुआ. महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामले भी कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. लेकिन इन पीड़ित महिलाओं को बड़े-बड़े वादों के अलावा अब तक कुछ नहीं मिला. किसी भी पीड़ित महिला को न आर्थिक और न ही साइकोलॉजिकल मदद मुहैया कराई गई. अब 2014 में शायद इसकी पहल मुमकिन हो. बीएमसी अपने अस्पतालों में ऐसा हेल्थ सेंटर खोलने जा रही है जहां पर ये सब सुविधा दी जाएगी.
कंसल्टेंट और को-ऑर्डिनेटर स्नेह खांडेकर का कहना है, ‘हम पीड़ित महिला को सदमे से निकलने में भी मदद करेंगे, जिससे वो फिर से एक नॉर्मल जिंदगी जी सके.
ऐसे सेंटर 15 जनवरी से शुरू होंगे, जहां बलात्कार पीड़ित महिलाओं का इलाज मुफ्त में तो होगा ही, साथ ही कानूनी, साइकोलॉजिकल मदद भी दी जाएगी. इसके तहत, ये सेंटर महिलाओं की एफआईआर दर्ज होने से लेकर मामले के कानूनी निबटारे तक उनके साथ रहेगा. इससे शायद पीड़िताओं की पुलिस को लेकर शिकायत में भी कमी आएगी. पहले शिकायत रहती थी कि पुलिस बलात्कार के मामलों को दर्ज करने में आनाकानी करती है. इसके तहत, जरूरत पड़ने पर पीड़िताओं को कानूनी पेचीदगियों से लड़ने के लिए मुफ्त में वकील भी उपलब्ध कराया जाएगा.
स्नेहा खांडेकर ने बताया कि इसके लिए वकीलों कि संस्था मजलिस से बात की गई है, जो पहले से भी महिलाओं के लिए काम करती रही है.
इस तरह के हेल्थ सेंटरों में सिर्फ और सिर्फ महिला डॉक्टर और कर्मचारी ही काम करेंगी और पीड़िता का खयाल तब तक रखा जाएगा, जब तक वो पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती. इसी तरह पीड़िता को सदमे से निकलने में मदद करने के लिए साइकोलॉजिस्ट भी इन सेंटरों में नियुक्त किए जाएंगे. अगर बीएमसी की ये पहल कामयाब रही, तो उम्मीद है कि महिलाओं को अपने ऊपर हुए अपराध के खिलाफ मामले दर्ज करने में हिचकिचाहट नहीं होगी.