बोडोलैंड क्षेत्रीय प्रशासनिक जिले (बीटीएडी) के तहत आने वाले असम के दो जिलों कोकराझार और बक्सा में एनडीएफबी (एस) के सशस्त्र उग्रवादियों के गुरुवार से किए गए हमलों में बच्चों और महिलाओं समेत कम से कम 27 लोग मारे गए हैं और 14 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि कोकराझार और बक्सा जिलों में देखते ही गोली मारने के आदेश दे दिए गए हैं. बीटीएडी में हिंसा थमी नहीं है.
उन्होंने बताया कि बीटीएडी के अंतर्गत आने वाले चिरांग जिले में एहतियात के तौर पर अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है. आईजीपी (कानून-व्यवस्था) एस एन सिंह ने बताया कि बक्सा जिले के सलबरी इलाके और मुशलपुर, तामुलपुर में शुक्रवार शाम छह बजे से शनिवार सुबह चार बजे तक कर्फ्यू लगा रहेगा ताकि आगे हिंसा को रोका जा सके. पुलिस ने कहा कि एके-47 राइफलों से लैस एनडीएफबी-सांगबिजित के 40 उग्रवादियों के एक समूह ने गुरुवार देर रात के बाद कोकराझार के बालापाड़ा-1 गांव में तीन घरों पर धावा बोल दिया और अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें मौके पर ही सात लोगों की मौत हो गयी. पुलिस महानिरीक्षक एल आर बिश्नोई ने बताया कि सात मृतकों में अल्पसंख्यक समुदाय के दो बच्चे और चार महिलाएं शामिल हैं.
बिश्नोई ने बताया कि हमले में मारे गये तीन साल के एक और बच्चे का शव बाद में इलाके से मिला. 13 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बाद में देर रात को गोलियों से छलनी 12 और शव बक्सा जिले के दो गांवों में मिले. आईजीपी (कानून व्यवस्था) एसएन सिंह ने बताया कि मानस राष्ट्रीय उद्यान के समीप, जिले में बेकी नदी के किनारे अल्पसंख्यक समुदाय के कम से कम 70 मकानों को आग लगा दी गई. इससे पहले गुरुवार रात भी एनडीएफबी-एस के उग्रवादियों ने पड़ोसी बकसा जिले में दो महिलाओं समेत तीन लोगों को मार दिया था. उनके हमले में एक नवजात जख्मी हो गया था.
पुलिस के अनुसार उग्रवादियों का एक समूह आनंदा बाजार इलाके के पास एक घर में घुस गया और अंधाधुंध गोलीबारी की. उधर, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने पुलिस से कहा कि इस मामले में शामिल उग्रवादियों को पकड़ा जाए और स्थिति को काबू में लाया जाए. इसके अलावा स्थिति से निपटने के लिए सेना की मदद भी मांगी गई है. जवानों ने लोगों के मन में विश्वास बहाल करने के लिए हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया.
गुरुवार को इसी जिले के निजदेफेली में दो संदिग्ध उग्रवादियों ने बिपिन बोरो नामक शख्स के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गये. उन्हें गंभीर हालत में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. वार्ता-विरोधी उल्फा-इंडिपेंडेंट के सहायक प्रचार सचिव अरण उदय असम ने हिंसा की निंदा की है. इस बीच ऑल माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (आमसू), ऑल बोडो माइनॉरिटी स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएमएसयू) और कई अन्य संगठनों ने इन घटनाओं की निंदा की है और लोगों से शांति बनाये रखने की अपील की है.
अल्पसंख्यक छात्र संगठनों ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई पर बीटीएडी इलाके में कानून व्यवस्था नहीं बनाये रखने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की. इस क्षेत्र में कोकराझाड़, बक्शा, उदलगुड़ी और चिरांग जिले आते हैं. स्थानीय बोडो राजनीतिक दलों ने बीपीएफ नेता और पूर्व उग्रवादी हाग्राम मोहिलारी की अगुवाई वाले बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के प्रशासन पर राज्य में कानून व्यवस्था नहीं बना पाने का आरोप लगाया है. जुलाई, 2012 में स्थानीय बोडो समुदाय और बांग्लादेशी अल्पंसख्यक समुदाय के लोगों के बीच हिंसा में करीब 80 लोगों की मौत हो गयी थी.