विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अपने मंत्रालय से जुड़े मसलों पर गंभीरता की एक और मिसाल देखने को मिली, जब जापान में मारे गए एक शख्स का शव उनके हस्तक्षेप के बाद दिल्ली वापस लाकर परिवार को सौंप दिया गया.
टोक्यो में 15 दिन पहले हुआ था गोपाल राम का देहांत
दरअसल दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके के रहने वाले गोपाल राम अच्छे भविष्य की तलाश में नौकरी के लिए पिछले साल सितंबर में टोक्यो गए थे. उन्होंने टोक्यो में नौकरी और वीज़ा के लिए एजेंट को ढाई लाख रुपये भी दिए, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें एक होटल में कुक का काम मिला. वहां भी महज तीन महीने काम करने के बाद उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया, जबकि कॉन्ट्रैक्ट एक साल का था.
आर्थिक तंगी की वजह से शव लाना था मुश्किल
जापान में पैसे की तंगी की वजह से वह परेशान रहने लगे और फिर 10 दिसंबर को उनकी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. गोपाल राम के परिवार के लिए जहाँ एक तरफ उन्हें खोने का गम था, तो साथ ही उनका पार्थिव शरीर वापस भारत लाने की जद्दोजहद भी. पार्थिव शरीर भारत लाने के लिए 15 लाख रुपये का खर्च होता, जो कि पहले ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे इस परिवार के लिए बेहद मुश्किल था.
गुहार पहुंचते ही सुषमा ने तुरंत दिया मदद का भरोसा
ऐसे में मृतक के बेटे जतिन मदद के लिए विदेश मंत्रालय और जापानी दूतावास के भी चक्कर काटे लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उस समय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज किडनी में समस्या के कारण ऐम्स में भर्ती थीं. इसके बाद मृतक गोपाल राम की पत्नी राधा देवी ने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) से अपने पति के शव को देश वापस लाने में मदद मांगी थी. इसके बाद डीसीडब्ल्यू ने सुषमा स्वराज से मामले में दखल की मांग की थी.
Thanks @SushmaSwaraj ji. Despite being ill, you continue to serve. Deep respect. Hope you get well really soon. https://t.co/jQKRuYpku7
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 18, 2016
ऐम्स में किडनी ट्रांसप्लांट करा कर अब स्वास्थ्य लाभ ले रही सुषमा स्वराज तक जब परिवार की यह गुहार पहुंची तो उन्होंने तुरंत ट्वीट कर आश्वासन दिया था कि सरकार बगैर देरी किए गोपाल राम के शव को देश वापस लाएगी और इसमें लगने वाला सारा खर्च भी वहन करेगी.
The mortal remains will reach New Delhi by ANA flight from Tokyo on 24 December at 2400 hrs. https://t.co/htQanXuvB5
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) December 23, 2016
इसके बाद देर रात 25 दिसंबर को गोपाल राम का पार्थिव शरीर दिल्ली वापस लाकर उनके परिवार को सौंप दिया गया. सुषमा स्वराज द्वारा मदद की इस तत्परता का जहां एक तरफ परिवार धन्यवाद् दे रहा था, तो वही एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.