मालेगांव धमाका मामले में आरोपी ले. कर्नल पुरोहित को करारा झटका लगा है. मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुरोहित के खिलाफ निचली अदालत को आरोप सिद्ध करने से मना करने से इनकार कर दिया. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए उन्हें निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया.
Malegaon Blast: Bombay HC refuses to stay framing of charges by lower court against Lt Col Purohit&others. HC also said that matter pertaining to validity of sanction for prosecution against Lt Col Purohit under Unlawful Activities (Prevention) Act is to be decided by trial court pic.twitter.com/D9ahmjASBS
— ANI (@ANI) September 4, 2018
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत पुरोहित पर मुकदमा चलाने की वैधता पर छूट तय करने का अधिकार सिर्फ और सिर्फ ट्रायल कोर्ट को ही है.
इस मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. ले. कर्नल पुरोहित को यहां भी निराशा हाथ लगी. पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और कहा कि उन्हें निचली अदालत में ही जाना होगा.
गौरतलब है कि श्रीकांत पुरोहित ने कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की है. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें मालेगांव धमाका मामले में जानबूझ कर फंसाया गया है क्योंकि वो आईएस और सिमी जैसे प्रतिबंधित संगठनों के पीछे कौन है, इसकी जांच कर रहे थे. इतना ही नहीं, उन्होंने आर्मी रिपोर्ट को भी याचिका में संलग्न किया है जिसमें वो अपने काम का सारारा दे रहे थे.
क्या है पूरा मामला
पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और यूएपीए के तहत अपने ऊपर लगे आरोपों को चुनौती दी थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस वक्त ट्रायल कोर्ट की धाराएं हटाने का आदेश देने से इनकार कर दिया था. तब कोर्ट ने पुरोहित से कहा था कि ट्रायल कोर्ट में आरोप तय होते समय अपनी मांग रखनी चाहिए.
पुरोहित को 21 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जमानत मिली थी. कर्नल पुरोहित पिछले 9 साल से जेल में बंद चल रहे थे. जमानत पर जिरह के दौरान उनके वकील ने अदालत से कहा था कि पुरोहित के खिलाफ मकोका के तहत आरोप हटा दिए गए हैं, इसलिए पुरोहित अंतरिम जमानत के हकदार हैं. जबकि एनआईए ने पुरोहित की इस दलील का विरोध करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ सबूत हैं जो आरोप तय करने में मददगार होंगे.