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यौन उत्पीड़न मामले में तेजपाल की जमानत याचिका खारिज

यौन उत्पीड़न के आरोप में कैद तहलका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल की जमानत याचिका शुक्रवार को बंबई हाई कोर्ट की पीठ ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि उसे इस बात का डर है कि आरोपी न्याय से भाग जाएगा और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा.

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तरुण तेजपाल
तरुण तेजपाल

अपनी महिला सहयोगी का गोवा के एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में यौन उत्पीड़न करने के आरोप में कैद तहलका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल की जमानत याचिका शुक्रवार को बंबई हाई कोर्ट की पीठ ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि उसे इस बात का डर है कि आरोपी न्याय से भाग जाएगा और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करेगा.

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न्यायमूर्ति उत्कर्ष बाकरे ने यह भी कहा कि जेल की अपनी कोठरी से मोबाइल फोन के जरिए अपने कारोबारी सहयोगियों और मित्रों से बात करना, और उनकी पुत्री का दुष्कर्म पीड़िता के घर जाना, ऐसे दो प्रमुख कारण हैं, जिनके चलते 50 वर्षीय तेजपाल को जमानत नहीं दी जा सकती.

तेजपाल उस वक्त अदालत में उपस्थित नहीं थे जब शुक्रवार दोपहर आदेश जारी किया गया.

इससे पहले दिन में अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने तेजपाल को उनकी बीमार मां से मिलने जाने की अनुमति दे दी. तेजपाल की मां ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं और मापुसा में एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं.

तेजपाल के वकील स्वप्निल नचिनोलकर ने कहा कि ‘जेल एस्कॉर्ट सेल’ को आदेश दिया गया है कि वह तेजपाल (50) को उनकी मां के पास ले जाए.

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तहलका के संस्थापक संपादक ने यह अर्जी गुरुवार को अदालत में दी थी. उन्होंने कहा था कि उनकी मां शकुंतला तेजपाल को ‘ब्रेन ट्यूमर’ है और वह अपने जीवन की आखरी सांसे ले रही हैं. नचिनोलकर ने कहा कि तेजपाल को शनिवार की सुबह अस्पताल ले जाया जा सकता है.

तेजपाल 30 नवंबर को गिरफ्तार किए गए थे, और तब से अबतक वह पुलिस और न्यायिक हिरासत में तीन महीने से अधिक बिता चुके हैं. तेजपाल की एक कनिष्ठ महिला सहयोगी ने उनपर आरोप लगाया था कि उन्होंने गोवा में आयोजित थिंकफेस्ट के दौरान उसके साथ दुष्कर्म किया था. पीड़िता ने आरोप लगाया कि सात और आठ नवंबर को दो बार उसका यौन उत्पीड़न किया गया. तेजपाल फिलहाल, यहां से 35 किलोमीटर दूर वास्को के साडा उपकारागार में कैद हैं.

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