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सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का परीक्षण, 290 किमी तक करेगी वार

सुपरसोनिक ब्रह्मोस 290 किमी तक के क्षेत्र को कवर करेगी. यह मिसाइल कम समय अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम बताई जा रही है. यह मिसाइल अवरोधक का भी काम करेगी यानी यह जवाबी कार्रवाई के लिए उपयुक्त कही जा रही है.

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सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस'
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस'

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भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का सोमवार को ओडिशा के बालासोर तट पर स्थित परीक्षण केंद्र से परीक्षण किया गया. यह परीक्षण सुबह 10.30 बजे किया गया है. सभी मापदंडों पर मिसाइल परीक्षण को सही पाया गया है.

इसी साल मई में भी मिसाइल का परीक्षण किया गया था. उस दौरान डीआरडीओ ने ब्रह्मोस मिसाइल की आयुसीमा 10 से 15 साल तक बढ़ाने के बाद परीक्षण किया था.

सुपरसोनिक ब्रह्मोस 290 किमी तक के क्षेत्र को कवर करेगी. यह मिसाइल कम समय अपने लक्ष्य को भेदने में सक्षम बताई जा रही है. यह मिसाइल अवरोधक का भी काम करेगी यानी यह जवाबी कार्रवाई के लिए उपयुक्त कही जा रही है. गतिशील शक्ति होने की वजह से यह मिसाइल लड़ाकू मिसाइल के तौर पर कामयाब साबित होगी. इसे जल्द ही सुखाई 30 एमकेआई का हिस्सा बन जाएगी.

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बता दें कि मई में राजस्थान के पोखरण में सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' का सफल परीक्षण किया गया था. ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज एंटी शिप मिसाइल है.

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में ब्रह्मोस को फाइटर जेट सुखोई से दागा गया था, जो कि सफल रहा था. सूखोई और ब्रह्मोस की जोड़ी को डेडली कांबिनेशन भी कहा जाता है. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जो 290 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकता है. सूखाई-30 फुल टैंक ईंधन के साथ 2500 किलोमीटर तक मार कर सकता है.

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