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सोने व जागने के वक्त से प्रभावित होता है मस्तिष्क

यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं ने एक शोध कर पाया कि सुबह जल्दी उठने वालों और रात को उल्लूर्ओं की तरह जागने वालों के मस्तिष्क के कामकाज की क्षमता में अंतर होता है.

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आप चाहे सुबह जल्दी उठें या देर रात तक काम करें आपके मस्तिष्क की सक्रियता तब ज्यादा अच्छी तरह से देखी जा सकती है जब घड़ी में सुई दिन या रात के नौ बजा रही हो. यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा के शोधकर्ताओं ने एक शोध कर पाया कि सुबह जल्दी उठने वालों और रात को उल्लूर्ओं की तरह जागने वालों के मस्तिष्क के कामकाज की क्षमता में अंतर होता है.

शाम के बाद सक्रिय होते हैं रात को जगने वाले लोग
अपने शोध के लिये शोधकर्ताओं ने सुबह जल्द उठने वाले और रात को देर तक जागने वाले समूहों का निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि सुबह जल्दी जागने वाले लोग सुबह के समय और रात को देर तक जागने वाले वाले शाम के बाद सक्रिय महसूस करते हैं. आदतों से जुड़े सवाल पूछे जाने के बाद इन समूहों को अलग कर दिया गया.

सुबह नौ बजे सक्रिय होता है मस्तिष्क
शोधकर्ताओं ने एमआरआई निर्देशित मस्तिष्क स्पंदन प्रणाली का इस्तेमाल कर मेरूदंड और मस्तिष्क के जरिये मांसपेशियों की सक्रियता जांची. उन्होंने पाया कि सुबह जल्दी उठने वाले लोगों का मस्तिष्क सुबह नौ बजे और रात को देर तक जागने वालों का मस्तिष्क रात नौ बजे सबसे अधिक सक्रिय होता है.

शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं रात तक जागने वाले लोग
शोध में यह भी पाया गया कि देर रात तक जागने वाले लोग दिन भर शारीरिक रूप से मजबूत रहते हैं. इन लोगों की तंत्रिका प्रणाली का कामकाज भी अलग होता है. शोध के नतीजे जर्नल आफ बायलाजिकल रिदर्म्स में प्रकाशित किये गये हैं.

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