ब्रिटेन की सांसद डेबी अब्राहम को भारत में एंट्री ना मिलने का विवाद अभी तक थमा नहीं है. जम्मू-कश्मीर के मसले पर लगातार मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करने वाली सांसद ने ट्विटर पर विरोध व्यक्त किया है. इस बीच सरकारी सूत्रों का कहना है कि सांसद का वीज़ा 14 फरवरी को इसलिए रद्द किया गया, क्योंकि वो एंटी इंडिया एक्टिविटी में शामिल थीं.
ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम ने ट्विटर पर आरोप लगाया था कि उनके पास भारत आने का वीज़ा था, लेकिन भारत के अधिकारियों ने दिल्ली एयरपोर्ट से ही उन्हें वापस लौटा दिया. अब इन आरोपों पर सरकार की ओर से सफाई आई है. सफाई में इस प्रकार के तर्क रखे गए हैं...
1. किसी को वीज़ा देना या फिर वीज़ा रद्द करना सरकार के ऊपर निर्भर करता है.
2. डेबी अब्राहम को 7 अक्टूबर 2019 को ई-बिज़नेस वीज़ा दिया गया था. जो 5 अक्टूबर 2020 तक बिज़नेस मीटिंग अटेंड करने के लिए लागू था.
3. उनका ई-बिज़नेस वीज़ा 14 फरवरी 2020 को वापस ले लिया गया, क्योंकि वह भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थीं. 14 फरवरी से पहले ही उन्हें इस बारे में सूचना दी गई थी.
4. जिस वक्त वो दिल्ली एयरपोर्ट पर आईं तो उनके पास आधिकारिक वीज़ा नहीं था.
5. ब्रिटेन के नागरिकों के लिए भारत में वीज़ा ऑन अराइवल की नीति नहीं है.
6. बिज़नेस के संबंध में जारी किए गए वीज़ा का इस्तेमाल ‘दोस्तों या परिवार’ से मिलने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इसके लिए अलग से वीज़ा लेना होता है.
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ट्विटर पर मोर्चा खोले हुए हैं ब्रिटिश सांसद
बता दें कि भारत आने से इनकार करने के बाद से ही ब्रिटिश सांसद सोशल मीडिया पर मोर्चा खोले हुए हैं. डेबी अब्राहम का कहना है कि वह एक ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हैं और सामाजिक कार्य करती हैं. जिन लोगों का अधिकार छीना जा रहा है, वह उसके मसले पर जरूर बोलेंगी.
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बता दें कि डेबी अब्राहम भारत की नरेंद्र मोदी सरकार की कश्मीर नीति की आलोचना करती रही हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जो कुछ पाबंदियां लगी थीं, उस मसले पर डेबी अब्राहम मोदी सरकार की आलोचना कर रही हैं. डेबी अब्राहम ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सांसद हैं और ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप ऑफ कश्मीर की प्रमुख हैं.