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टूटा हुआ दिल करेगा अपनी मरम्मत आप

सही ढंग से काम नहीं कर रहे दिल को अब उसी से मरम्मत कराया जाएगा. भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने दावा किया है कि उन्होंने साधारण उत्तकों के धड़कने वाली कोशिकाओं में बदलने का रास्ता खोज निकाला है.

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सही ढंग से काम नहीं कर रहे दिल को अब उसी से मरम्मत कराया जाएगा. भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने दावा किया है कि उन्होंने साधारण उत्तकों के धड़कने वाली कोशिकाओं में बदलने का रास्ता खोज निकाला है.

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कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के प्रो. दीपक श्रीवास्तव और उनके सहकर्मियों का कहना है कि बूढ़ा होने या दिल का दौरा पड़ने से हुई दिल को क्षति का क्रांतिकारी इलाज अगले पांच साल में उपलब्ध हो जाएगा.

यह तकनीक स्टेम सेल तकनीक जैसे ही काम करती है लेकिन नयी कोशिकाओं को शरीर से बाहर विकसीत करने और दोबारा शरीर में लगाए जाने की बजाए इस पद्धति में कोशिकाओं की जहां जरूरत होती है, वहां उन्हें तैयार कर लिया जाता है.

दिल की कोशिकाओं के साथ दिक्कत यह है कि कार्डियोमायोसाइट्स नाम की धड़कने वाली ये कोशिकाएं दिल का दौरा पड़ने के बाद मर जाती हैं और उन्हें दोबारा सक्रिय करना फिलहाल संभव नहीं है और उनके आस पास पाने जाने वाले संयोजी उतक जिन्हें फाइब्रोब्लास्ट कहा जाता है, उनकी जगह काम नहीं कर पाते.

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प्रो. श्रीवास्तव और उनके दल ने फाइब्रोब्लास्ट के कार्डियोमायोसाइट्स में बदलने का रास्ता खोज निकाला है. एक कृत्रिम नली ‘स्टेंट’ से इस काम को अंजाम दिया जाता है.

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