इतिहास में पहली बार दिखीं संसद में नोटों की गड्डियां. जी हां जनतंत्र को बना दिया नोटतंत्र. बीजेपी के सांसदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने उन्हें खरीदने के लिए दिए हरे-हरे नोटों के बंडल.
संसद में सरकार जीत गयी औऱ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का सीना चौड़ा हो गया . लेकिन उसी सदन में मर्यादा शर्मसार हो गयी और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र दागदार हो गया. संसद में बीजेपी के तीन सांसदों ने भर भर मुट्ठी नोट की गड्डियां लहरायीं. आरोप ये लगाया कि उन्हें खरीदने के लिये करोड़ों रुपये समाजवादी पार्टी औऱ कांग्रेस ने दिये थे.
आपने अबतक सिर्फ सुना था कि खरीदे बेचे जाते हैं सांसद, आपने अबतक सिर्फ सुना था कि खरीद फरोख्त के जरिए बचाई गिराई जाती हैं सरकारें, आपने अबतक सिर्फ सुना था कि सियासत के सफेदपोशों के पीछे होती है हरे हरे नोटों की गडिडयां लेकिन विश्वासमत के दौरान जिस तरीके से नोट लहराए गएं उससे बेनकाब हो गए सत्ता के दलाल. सामने आ गई सिय़ासत की गंदगी. दलालों ने पहुंचा दिया डील को दलदल तक. जनतंत्र को बना दिया नोटतंत्र.
भाजपा के तीन सांसद अशोक अर्गल, महावीर सिंह भगौरा, फग्गन सिंह कुलस्ते पर इल्जाम है कि सरकार के दलालों ने उन्हें दीं नोटों की गड्डियां. विश्वासत के दौरान गैरहाजिर रहने के लिए दी गई एक करोड़ की पेशगी और इन्होंने पेशगी की रकम लाकर रख दी सदन के पटल पर. जिसने भी देखा उनकी आँखे खुली की खुली रह गई संसद की इस शर्मनाक तस्वीर को देखकर.{mospagebreak}
जब पूरा देश गौर से सुन रहा था डील पर सांसदों की राय, उसी वक्त बीजेपी के तीन सांसदों अशोक अर्गल, महावीर सिंह भगौरा और फग्गन सिंह कुलस्ते ने किया ऐसा खुलासा जिसने बेनकाब कर दिया आज की सियासत का चेहरा और सामने आया ऐसा सच जिसे सुनकर सालों साल तक जनतंत्र की आँखें शर्म से झुकीं रहेंगी. तीनों सांसदों ने आरोप लगाया है कि विश्वासमत पर मतदान के दौरान सदन से गैरहाजिर रहने के लिए उन्हें दिए गए तीन तीन करोड़ य़ानी कुल 9 करोड़ के ऑफर औऱ इनमें से एक करोड़ की पेशगी की रकम उन्हें भिजवाई भी गई, बाकी आठ करोड़ उन्हें जल्द दिए जाने थे.
जिस वक्त नोटों की गड्डियों से भरा बैग सदन के पटल पर खोलकर एक करोड़ की रकम हवा में लहराई जा रही थी, विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी मीडिया के सामने सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे थे. थोड़ी देर में ही आडवाणी संसद से निकलकर मीडिया के सामने पहुंचे और एक-एक कर सारे राज खोल दिए.
पहले भी सांसदों के सौदे की खबरें आईं लेकिन सब अंदर ही अंदर हुआ. लेकिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार संसद में नोटों की गड्डियां लहराई हैं. किसी ने अबतक ये गंदगी खुल्लमखुल्ला नहीं देखी थी. सत्ता के डीलरों ने वो दिन भी दिखा दिया.