दक्षिण भारत में बीजेपी को अहम कामयाबी दिलाने वाले, फिर पार्टी के लिए लगातार मुसीबत खड़ी करने वाले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पार्टी से नाता तोड़ लिया है. उन्होंने अपने समर्थक विधायकों से अपील की है कि वे अपना पद न छोड़ें.
40 साल से जुड़े थे बीजेपी से
अवैध खनन के मामले में मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवाने के बाद पार्टी से बगावत करनेवाले येदीयुरप्पा बीजेपी और विधानसभा की सदस्यता से औपचारिक तौर पर इस्तीफा देने वाले हैं. येदियुरप्पा पिछले 40 साल से बीजेपी से जुड़े थे.
बेहद भावुक हो उठे येदियुरप्पा
भारतीय जनता पार्टी के साथ एक लंबा अरसा बिताने के बाद उसकी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके येदियुरप्पा शुक्रवार को पार्टी से अपने लंबे जुड़ाव को याद करके भावुक हो गये. हालांकि उन्होंने बीजेपी नेताओं पर अपने खिलाफ ‘षड्यंत्र’ रचने को लेकर निशाना साधा.
'पार्टी के लिए सबकुछ कुर्बान किया'
आंखों में आ रहे आंसुओं को रोकने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा, ‘पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया और मैंने भी पार्टी के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान कर दिया.’ येदियुरप्पा ने कहा कि वह अपने (बीजेपी) के ही लोगों के कारण पार्टी छोड़ रहे हैं. वे नहीं चाहते कि मैं पार्टी में बना रहूं, इसीलिए मैं पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और विधायक पद से भी इस्तीफा दे रहा हूं. समझा जा रहा है कि शुक्रवार दोपहर वे अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपैया को सौंप देंगे. येदियुरप्पा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा भी फैक्स से भेजेंगे.
'दुख के साथ छोड़ रहा हूं पार्टी'
येदियुरप्पा ने कहा कि (बीजेपी में) कुछ लोग नहीं चाहते थे कि मैं मुख्यमंत्री बनूं. वे मुझे किनारे लगाना चाहते थे. मैं पिछले एक साल से काफी धर्य के साथ इसकी अनदेखी कर रहा था. उन्होंने कहा, ‘मैं काफी दुख के साथ पार्टी छोड़ रहा हूं.’ किसी भी व्यक्ति का नाम लिये बगैर उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ नेताओं ने ‘मेरी पीठ में छूरा भोंका है.’
येदियुरप्पा ने कहा कि पिछले साल पार्टी ‘हाई कमान’ के निर्देश पर उन्होंने पार्टी के ‘अनुशासित सिपाही’ की तरह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा, ‘उन्होंने मेरी अच्छाई को मेरी कमजोरी समझ लिया.’ उन्होंने बताया कि नौ दिसंबर को हावेरी में एक सार्वजनिक जनसभा में वे औपचारिक रूप से कर्नाटक जनता पक्ष में शामिल होंगे.
येदियुरप्पा ने जगदीश शेट्टार सरकार में शामिल अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों से अपील की है कि वे इस्तीफा नहीं दें ताकि सरकार अपना कार्यकाल पूरा कर सके. उन्होंने कहा कि वह सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहते.
उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कुछ समय के लिए इस्तीफा नहीं देने के लिए कहा है.’ येदियुरप्पा ने कहा कि उन्होंने किसी स्वार्थ के कारण बीजेपी नहीं छोड़ी है. वह कर्नाटक को एक मॉडल और कल्याणकारी राज्य के तौर पर विकसित करना चाहते हैं.
बीजेपी में बने रहने की अपील ठुकराई
गौरतलब है कि बीजेपी ने येदियुरप्पा से अनुरोध किया था कि वे पार्टी न छोड़ें, लेकिन येदियुरप्पा ने पार्टी की अपील खारिज कर दी. बीजेपी में बने रहने की अपील खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने अपने गृह नगर शिमोगा के शिकारीपुरा इलाके में संवाददाताओं से कहा, ‘मैं अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार दोपहर 12 बजे विधान सौध जाऊंगा और विधानसभा की सदस्यता का अपना इस्तीफा सौंपूंगा.’
बीजेपी के लिए करारा झटका
माना जा रहा है कि येदियुरप्पा का जाना बीजेपी के लिए करारा झटका होगा, लेकिन पार्टी नेता ऐसा मानने को तैयार नहीं हैं. लिंगायत समुदाय से संबंध रखने वाले 70 वर्षीय येदियुरप्पा को कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता में लाने का श्रेय दिया जाता है. दक्षिण भारत में बीजेपी ने कर्नाटक में ही पहली बार सरकार बनाई है.