बीएसएफ ने हाईकोर्ट में दिए अपने हलफनामे में तेज बहादुर यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. बीएसएफ ने दावा किया है कि तेज बहादुर को अनुशासनहीनता के लिए चार बार दंडित किया जा चुका है.
कई बार हुए दंडित
तेज बहादुर को एक बार बिना इजाजत 13 दिन की छुट्टी जाने पर दंड मिला.
28 अगस्त 2007 में नशा करने कि लिए दंडित किया गया.
31 मार्च 2010 को वरिष्ठ अफसरों को धमकी देने के आरोप में 89 दिनों के लिए कोर्ट मार्शल हुआ.
खराब खाने का आरोप गलत
बीएसएफ ने अपने हलफनामे के जरिए कोर्ट को बताया कि
इंटरनल कमेटी की रिपोर्ट में तेज बहादुर के खाने की क्वालिटी को लेकर लगाए गए अरोपों को झूठा और निराधार पाया गया. बीएसएफ ने कोर्ट को बताया है कि खाने की क्वालिटी को लेकर तेज बहादुर की कोई शिकायत विभाग को नहीं मिली. बीएसएफ ने बताया कि तेज बहादुर ने शिकायत करने के बजाय वीडियो सीधे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया.
VRS पर क्या बोला
बीएसएफ ने अपने हलफनामे में बताया कि
तेज बहादुर ने वीआरएस के लिए 14 अक्टूबर 2016 में अर्जी लगाई थी. विभाग ने 25 दिनों के भीतर ही उसकी अर्जी स्वीकार की. बीएसएफ ने बताया कि 31 जनवरी 2017 को वीआरएस दिया जाना था लेकिन 15 जनवरी को तेज बहादुर ने फिर से पत्र लिखकर वीआरएस रद्द करने की मांग की. इसके एक दिन बाद दूसरा पत्र लिखकर वीआरएस की मांग की. बीएसएफ ने बताया कि 9 जनवरी को वीडियो वायरल होने के बाद जांच कमेटी बनाई गई और पूछताछ के लिए 30 जनवरी को वीआरएस रद्द किया गया.
27 फरवरी को अगली सुनवाई
दरअसल तेज बहादुर को दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए बीएसएफ से जबाब मांगा था जिस पर बीएसएफ ने कोर्ट को अपना हलफनामा सौंपा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को होनी है.