भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध पशु तस्करी में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. बीएसएफ के लगातार चलाए जा रहे अभियान में पिछले साल सितंबर से अब तक पश्चिम बंगाल से त्रिपुरा तक फैली लगभग 4,000 किलोमीटर लंबी सीमा पर भारी कार्रवाई में लगभग 500 बांग्लादेशी तस्कर गिरफ्तार हुए. वहीं बीएसएफ के 45 जवान भी इस अभियान में घायल हुए है.
मवेशी तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ ने सबसे पहले अपने घर को ठीक करते हुए निचले रैंक से लेकर आईजी की पोस्ट तक के अपने लगभग दो दर्जन भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान की. साथ ही सीमा पर प्रबंध करने वाले ऐसे अधिकारियों को बाहर कर दिया गया.
सूत्रों ने कहा कि बीएसएफ प्रमुख ने खुद इस अभियान के लिए समर्थ अधिकारियों को चुना और उन्हें पशु-तस्करी रोकने का काम सौंपा गया. नौका से गश्त बढ़ा दी गई. वहीं देश के अंदर तस्करी अपराधों को संचालित करने वालों पर खुफिया नजर रखी जाने लगी.
मवेशियों की अवैध तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ ने सबसे पहले मवेशी तस्करी के सबसे बड़े मार्ग को बंद करने की शुरुआत की. बीएसएफ की पहल ने हरियाणा से असम तक अच्छी तरह पनप चुके तस्करी गिरोहों की कमर तोड़ कर रख दी और इसके कारण सीमा पर स्थित कई गोकशी की दुकानें भी बंद हो गईं.
समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए बयान में बीएसएफ के महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा ने कहा, "सीमा पर प्रभावी गश्त और तस्करों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई शुरू करने से यह बड़ा बदलाव आया है". उन्होंने आगे कहा, "पशु तस्कर प्राथमिक मार्ग के तौर पर सीमा पर योजनाबद्ध तरीके से अपेक्षाकृत लंबा नदी वाला मार्ग अपनाते थे. नदी में गश्त करने वाले बीएसएफ कर्मियों ने ऐसे मार्ग को चिन्हित कर बंद कर दिया."
बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, भारत-बांग्लादेश सीमा पर सिर्फ 5,000 रुपये में तस्करी कर ले जाई गई गाय बांग्लादेश पहुंचने पर 50,000 रुपये में बिकती है.
फलते-फूलते मवेशी तस्करी उद्योग पर बीएसएफ की कार्रवाई पर बांग्लादेश के मत्स्य एवं पशुधन मंत्री अशरफ अली खान की अध्यक्षता में 11 अगस्त को हुई इस बैठक में भी चर्चा हुई. मंत्री ने स्वीकार किया कि भारत से होने वाली पशुओं की तस्करी में 96 प्रतिशत तक गिरावट आई है. पशु तस्करी में आई गिरावट का सबूत बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून में छपी रिपोर्ट से भी मिलता है. इस रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश मीट उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया है और धीरे-धीरे बांग्लादेश मीट का आयात कम कर रहा है.
हालांकि बीएसएफ का कहना है कि बांग्लादेश ने सीमावर्ती जिलों में कई बूचड़खानों के होने की बात नहीं कबूली है. लेकिन यह जरूर स्वीकार किया है कि मवेशी तस्करी के आंकड़ों में बड़ी गिरावट आई है.