सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) नए तकनीकों के इस्तेमाल की योजना बना रही है. लेजर वॉल्स उन्हीं में से एक है. समुद्री सीमा से होने वाली घुसपैठ पर लाइव निगरानी रखेगी सरकार
लेजर वॉल तकनीक के इस्तेमाल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर कोई बॉर्डर के पास आने की कोशिश करता है या फिर ताररहित क्षेत्रों में सीमा पार करने की कोशिश करता है तो अलार्म बज जाए. यह खबर अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया ने दी है.
ताररहित सीमा क्षेत्रों में लेजर वॉल्स के अलावा सुरक्षा एजेंसी एंटी-टनल ग्राउंड सेंसर्स और थर्मल सेंसर्स को भी इस्तेमाल में लाने पर विचार कर रही है. इन तकनीकों का इस्तेमाल इजरायल जैसे देशों में पहले से हो रहा है.
अखबार ने बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल डीके पाठक के हवाले से लिखा है कि भारत लगातार अपनी हथियार क्षमता और सुरक्षा को अपग्रेड कर रहा है. ऐसी ही कई टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल के योग्य पाया गया है.
सेना ऐसी जगहों पर लेजर वॉल का इस्तेमाल करना चाहती है जहां पर सीमा पर तार लगाना संभव नहीं. अगर कोई सीमा को पार करने की कोशिश करेगा तो अलार्म बज जाएगा. मौजूदा वक्त में भारत-पाक बॉर्डर के 15 फीसदी और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के 35 फीसदी हिस्से में तार नहीं लगे हैं.