बीएसएनएल की कर्मचारी यूनियनों ने मंगलवार को अपनी देश व्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल कुछ ही घंटों बाद वापस ले ली. यूनियनों ने हड़ताल वापसी का निर्णय यूनियनों अपनी मांगों पर सुनवाई के लिए सरकार से आश्वासन मिलने के बाद किया.
सरकार ने कर्मचारी यूनियनों का आश्वासन दिया है कि बीएसएनएल में विनिवेश का मामला मंत्रियों के समूह के पास भेजा जाएगा. दूरसंचार मंत्री ए. राजा ने बताया, ‘हमने उन्हें (यूनियनों को) आश्वासन दिया है कि विनिवेश का मुद्दा मंत्रियों के समूह के पास भेजा जाएगा और बीएसएनएल से जुड़े अन्य निर्णय करने से पहले उनसे सलाह.मशविरा किया जाएगा.’
सैम पित्रोदा समिति ने बीएसएनएल की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए कंपनी में 30 प्रतिशत विनिवेश और एक लाख से अधिक कर्मचारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की सिफारिश की है. बीएसएनएल यूनियनों का दावा है कि आज सुबह शुरू हुई हड़ताल में तीन लाख से अधिक कर्मचारी शामिल हुए.
यूनियनों के संयुक्त मंच में कार्यकारी एवं गैर.कार्यकारी अधिकारी सदस्य हैं. हड़ताल शुरू होने के कुछ ही घंटों के भीतर बीएसएनएल के चेयरमैन कुलदीप गोयल ने दूरसंचार मंत्री से मुलाकात कर उनसे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की.
बीएसएनएल के संघों एवं यूनियनों की संयुक्त कार्य समिति के संयोजक वीएएन नंबूदिरी ने कहा, ‘चूंकि प्रबंधन हमारी प्रमुख मांगों पर विचार करने को सहमत हो गया है, हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस लेने का निर्णय किया है.’
उल्लेखनीय है कि 2009-10 की पहली तीन तिमाहियों में बीएसएनएल का शुद्ध लाभ घटकर 178 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि 2008-09 में कंपनी को 575 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. यूनियनों ने विनिवेश योजना खत्म करने के अलावा 1,500 इंडियन टेलीकाम सर्विसेज के अधिकारियों को नियमित करने की मांग की है. ये अधिकारी पिछले 10 साल से प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे हैं.