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राजस्थान में मिले झटके से खफा मायावती ने कहा- कांग्रेस की नीति दोगली

राजस्थान में कांग्रेस के हाथों चोट खाने के बाद बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही हैं. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरे दिन ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की दोगली नीति की वजह से ही देश में सांप्रदायिक ताकतें मजबूत हो रही हैं. जनता सावधान रहे.

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पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधा (फाइल-IANS)
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधा (फाइल-IANS)

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  • राजस्थान में 2 दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए BSP के 6 विधायक
  • विलय के बाद विधानसभा में कांग्रेस के पास हो गए अब 106 विधायक
  • मायावती ने साधा निशाना, कांग्रेस की नीति दोगली, सावधान रहे जनता

राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस के खिलाफ लगातार हमलावर हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने लगातार दूसरे दिन ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की दोगली नीति की वजह से ही देश में 'सांप्रदायिक ताकतें' मजबूत हो रही हैं. जनता सावधान रहे.

मायावती ने लगातार दूसरे दिन ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी की दोगली नीति की वजह से ही देश में 'सांप्रदायिक ताकतें' मजबूत हो रही है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी सांप्रदायिक ताकतों को कमजोर करने के बजाय, इसके विरूद्ध आवाज उठाने वाली ताकतों को ही ज्यादातर कमजोर करने में लगी है. जनता सावधान रहे.

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मायावती ने 3 ट्वीट कर निकाली भड़ास

इससे पहले मंगलवार को भी मायावती ने ताबड़तोड़ 3 ट्वीट कर कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकाली थी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, 'राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमंद और धोखेबाज पार्टी होने का प्रमाण दिया है. यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी.

सोमवार रात 6 विधायक कांग्रेस से जुड़े

राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी को तगड़ा झटका तब लगा जब सोमवार को राज्य में उसके 6 विधायक पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. बसपा के 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद विधानसभा में पार्टी के कुल विधायकों की संख्या 106 हो गई है.

बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि बीएसपी के विधायकों का कांग्रेस में शामिल होने पर मायावती का नाराज होना स्वभाविक है, लेकिन उन्हें बड़ा दिल रखना चाहिए, क्योंकि ये विधायक राज्य के हित के लिए कांग्रेस में शामिल हुए हैं.

उन्होंने कहा कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती को समझना चाहिए कि उन्होंने कोई हॉर्स ट्रेडिंग नहीं की है. ये विधायक खुद से कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं. ये विधायक चाहते हैं कि सरकार स्थायी हो, क्योंकि सरकार स्थायी होगी तो विकास तेजी से होगा, सरकार लोगों की समस्याओं को ठीक से समझ सकेगी और ये विधायक भी अपने क्षेत्र की समस्याएं बेहतर ढंग से सुलझा पाएंगे.

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सोमवार रात लगभग 9.30 बजे सभी छह विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की और उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से मुलाकात की, जिनके पास उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव पत्र दाखिल किया. जोशी ने अपनी मंजूरी दे दी और रात में ही सभी छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए.

कांग्रेस में शामिल होने वाले ये विधायक बारी से गिरिराज सिंह, नवलगढ़ से राज कुमार शर्मा, गंगापुर सिटी से रामकेश मीणा, सपोतारा से रमेश मीणा, उदयपुरवती से राजेंद्र गुडा और दौसा से मुरारीलाल मीणा हैं. इससे पहले राजस्थान में कांग्रेस सरकार को बसपा बाहर से समर्थन कर रही थी.

राज्य विधानसभा में अब कांग्रेस के 106 विधायक, बीजेपी के 72 विधायक, 13 निर्दलीय, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) का एक और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के दो विधायक हैं. दो विधायकों के सांसद बनने और उन सीटों पर अभी उपचुनाव नहीं होने के कारण दो सीटें रिक्त हैं.

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