गुरुवार को कर्नाटक की कांग्रेस-जेडीएस सरकार को तब करारा झटका लगा, जब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के अकेले विधायक और मंत्री ने अचानक इस्तीफा दे दिया. गठबंधन सरकार के लिए इसे शुभ संकेत नहीं माना जा रहा क्योंकि कांग्रेस नेताओं में बगावत के बीच सरकार के किसी पहले मंत्री ने इस्तीफा दिया है.
बीएसपी नेता एन महेश कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री थे. महेश ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इस्तीफे के बाद महेश ने मीडिया से कहा कि अब तक के सहयोग के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और वो आगे लोगों से मेलजोल बढ़ाना चाहते हैं.
एन महेश ने कहा, 'मैंने इस्तीफा दे दिया है. भविष्य में जनसंपर्क और अपने विधानसभा क्षेत्र में पूरा ध्यान लगाने की कोशिश करूंगा. मैंने मंत्री के तौर पर इस्तीफा दिया है लेकिन जेडीएस को समर्थन जारी रहेगा. इसमें कोई संकोच नहीं है. भावी उपचुनावों में भी मेरा समर्थन जारी रहेगा.'
सूत्रों के मुताबिक, मायावती ने एक हफ्ते पहले मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को फोन कर महेश को हटाने के लिए कहा था क्योंकि उन्होंने कुछ अवांछित बयान दिए थे. सूत्रों ने बताया कि एन महेश ने कहा था कि कर्नाटक में उनकी वजह से बीएसपी की जीत हुई है. हालांकि कुमारस्वामी ने महेश को नहीं हटाया. गुरुवार को मायावती ने उन्हें मंत्री पद छोड़ने का निर्देश दिया.
महेश के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, यह उनका अपना अंदरूनी मामला है. मुझे नहीं पता कि ऐसा निर्णय उन्होंने (एन. महेश) क्यों लिया. मैं उनसे संपर्क में हूं और इस मामले को निपटा लूंगा.
That is their internal decision by their party. I don't know why he has taken that kind of decision. But I am in contact with them, I will sort it out: #Karnataka CM HD Kumaraswamy on BSP Minister N Mahesh's resignation from Karnataka cabinet. pic.twitter.com/LsP7ubOaBX
— ANI (@ANI) October 11, 2018
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अभी हाल में कांग्रेस को दरकिनार करते हुए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में किसी प्रकार का गठबंधन करने से इनकार कर दिया था. उस वक्त एन महेश ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर दीदी (मायावती) कहेंगी, तो वे कर्नाटक सरकार से इस्तीफा दे देंगे.
मायावती ने दलित, अल्पसंख्यक और सवर्ण समाज के गरीबों के सम्मान से समझौता नहीं करने की दलील देते हुए कहा था कि उनकी पार्टी ने चुनावी गठबंधन के लिए 'सम्मानजनक सीटें' मिलने की एकमात्र शर्त रखी थी. इससे मतलब हुआ कि गठबंधन में बीएसपी सीटों के लिए 'भीख' नहीं मांगेगी और अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़ती रहेगी. मायावती ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने के लिए बीएसपी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलने को प्रमुख वजह बताया. उन्होंने कहा ‘वैसे तो बीजेपी और कांग्रेस से इन वर्गों के व्यापक हित और सम्मान की उम्मीद भी नहीं है लेकिन इनका अपमान भी हम बर्दाश्त नहीं कर सकते.
अभी हाल में एक कांग्रेस विधायक ने मंत्री पद बंटवारे को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली. विधायक ने आरोप लगाया कि जानबूझ कर अगला कैबिनेट विस्तार फंसा कर रखा गया है. कांग्रेस विधायक बीसी पाटिल ने सोशल मीडिया पर कहा, 'कैबिनेट विस्तार को बेवजह टाला जाना विधायकों की बेइज्जती है. यह लोकतंत्र की हत्या है जो पार्टी के नाम पर तनाशाही को दर्शाता है.'
कर्नाटक में अगला कैबिनेट विस्तार अगस्त में संभावित था लेकिन अब तक यह लटका हुआ है. पूर्व में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने खुद ऐलान किया था कि इसे 10-12 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा. अब जब कर्नाटक में उपचुनावों की घोषणा हो गई, तो इसमें आगे और देरी की आशंका है.
कर्नाटक कैबिनेट में कांग्रेस से 6 पद भरे जाने हैं और जेडीएस से एक. पाटिल ने कहा, जेडीएस ने सारे पद भर लिए लेकिन एक खाली छोड़ दिया. जबकि कांग्रेस के 6 पद अब तक खाली हैं. इस संबंध में हावेरी जिले में अब तक एक भी बैठक नहीं हुई, न बाढ़ को लेकर कोई बात हुई. ऐसा लग रहा है कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा, इसलिए कैबिनेट विस्तार जरूर होना चाहिए.