कर्नाटक में विश्वास मत प्रस्ताव में पास ना होने के बाद एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई है. मंगलवार को विधानसभा में जो वोटिंग हुई, उसमें कांग्रेस-जेडीएस सरकार को सिर्फ 99 वोट ही मिले. इस बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) के एकमात्र विधायक महेश वोटिंग से दूर रहे, जबकि बसपा प्रमुख मायावती ने उन्हें सरकार के हक में वोट डालने को कहा था. अब महेश का कहना है कि उन्हें मायावती के ट्वीट की जानकारी नहीं थी.
दरअसल, एचडी कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट ना करने पर मायावती ने विधायक महेश को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. इसपर विधायक का कहना है कि पता नहीं उन्हें पार्टी से क्यों निकाला गया, मुझे तो वोटिंग से दूर रहने को कहा गया था.
कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी हाईकमान के निर्देश का उल्लंघन करके बीएसपी विधायक एन महेश आज विश्वास मत में अनुपस्थित रहे जो अनुशासनहीनता है जिसे पार्टी ने अति गंभीरता से लिया है और इसलिए श्री महेश को तत्काल प्रभाव से पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
— Mayawati (@Mayawati) July 23, 2019
आजतक से बात करते हुए विधायक ने कहा कि मायावती ने जो ट्वीट किया उन्हें उसके बारे में बाद में पता लगा. उन्होंने ये भी दावा किया कि बसपा की तरफ से आधिकारिक तौर पर उन्हें कोई बात नहीं कही गई थी. अब बुधवार को वह इस मसले पर बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे.
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने कर्नाटक में अपने बी.एस.पी. के विधायक को सी.एम. श्री कुमार स्वामी की सरकार के समर्थन में वोट देने हेतु निर्देशित किया है।
— Mayawati (@Mayawati) July 21, 2019
गौरतलब है कि विश्वास मत पर वोटिंग से पहले 21 जुलाई को बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर लिखा था कि उन्होंने कर्नाटक में बसपा विधायक को कुमारस्वामी की सरकार के समर्थन में वोट करने को कहा है. हालांकि, इससे पहले विधायक ने एक बयान में कहा था कि मायावती की तरफ से उन्हें वोटिंग से दूर रहने को कहा गया है.
अब जब विधायक मंगलवार को वोटिंग में नहीं पहुंचे तो मायावती ने ट्वीट कर उन्हें पार्टी से निष्कासित करने की जानकारी दी.
गौरतलब है कि कुमारस्वामी सरकार के पक्ष में मंगलवार को कुल 99 और विरोध में 105 वोट पड़े. इस तरह कर्नाटक में लंबे समय से चल रहे सियासी नाटक का अंत हुआ और एक बार फिर बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ.