उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री एवं बसपा मुखिया मायावती ने कहा है कि वित्त विधेयक पर पेश होने वाले कटौती प्रस्ताव पर वह केन्द्र में सत्तारुढ़ संप्रग सरकार का समर्थन करेगी क्योंकि वह नहीं चाहती कि साम्प्रदायिक और फासीवादी ताकतों को सिर उठाने का मौका मिले.
बसपा मुखिया ने मंगलवार को संवाददताओं से बातचीत में कहा ‘उनकी पार्टी संसद मे वित्त विधेयक पर पेश होने वाले कटौती के प्रस्ताव पर संप्रग सरकार को समर्थन देगी क्योंकि वह इस मुद्दे पर साम्प्रदायिक और फासीवादी ताकतो को केन्द्र में सत्ता मे आने का अवसर नहीं देना चाहतीं.’
मायावती ने कहा ‘बढ़ती मंहगाई को देखते हुए हमें संप्रग सरकार के विरुद्ध मतदान करना चाहिए था मगर हम किसी भी सूरत में साम्प्रदायिक ताकतों को मजबूत होने का मौका नही देना चाहते.’ मायावती ने बताया कि पार्टी के सभी 21 सांसदो को पार्टी के निर्णय से अवगत करा दिया गया है. यह पूछे जाने पर कि कही संप्रग सरकार को समर्थन करने का उनका निर्णय आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में उनके विरुद्ध चल रही सीबीआई जांच के दबाव में तो नही लिया गया है, मायावती ने कहा कि कटौती के प्रस्ताव पर संप्रग को समर्थन देने के निर्णय का सीबीआई जांच से कोई लेना देना नही है. {mospagebreak}
उन्होंने कहा ‘मैं इस बात को याद दिलाना चाहती हूं कि उनके विरुद्ध ताज कारीडोर और आय से अधिक सम्पत्ति के मामले राजग सरकार में दर्ज किये गये थे, संप्रग सरकार में नही.’ बसपा मुखिया ने इस संदर्भ में यह भी कहा कि किसी दबाव में निर्णय लेने की बात सही नही है और ‘हम तो संप्रग सरकार को पिछले वर्ष पुन: सत्ता में आने के बाद से ही बाहर से समर्थन दे रहे हैं. इसमें नया कुछ नही है. हम साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता से दूर रखने के लिए संप्रग सरकार को बाहर से सशर्त समर्थन देते रहे हैं.’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कटौती प्रस्ताव पर समर्थन के बावजूद उनकी पार्टी बढ़ती मंहगाई और संप्रग सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के विरोध में अपना आंदोलन जारी रखेगी. {mospagebreak}
मायावती ने जोर देते हुए कहा कि संप्रग सरकार उत्तर प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है और इसकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है, लेकिन इसके बावजूद हमने कटौती प्रस्ताव पर संप्रग का साथ देने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि हम सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत होने का अवसर नहीं देना चाहते. उन्होंने कहा ‘महंगाई बढ़ने का मुख्य कारण संप्रग सरकार की गलत आर्थिक नीतियां हैं, जो बड़े पूंजीपतियों और उद्योगपतियों के हितों को केन्द्र में रखकर बनायी जा रही है और गरीबों दलितों के हितों की उपेक्षा हो रही है.’
बसपा मुखिया ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर चली जाये केन्द्र सरकार को अपनी आर्थिक नीतियों में व्यापक बदलाव करके गरीबों और दलितों के हितों को प्राथमिकता दी जाय. हाल ही में बढाई गयी पेट्रोल और डीजल की कीमतों को भी बढ़ती महंगाई के लिए बड़ा कारण बताते हुए मायावती ने कहा कि संप्रग सरकार विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद अपने निर्णय को बदलने को राजी नही हुई, जबकि यह निर्णय आम आदमी के हितों की कीमत पर तेल कंपनियों के हितों की पूर्ति के लिए लिया गया है. {mospagebreak}
मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार को इस सवाल का जवाब तो देना ही होगा कि अन्य अनेक देशों में जब महंगाई बढ़ने की दर तीन चार प्रतिशत तक ही है तो हमारे देश में यह दर 18 प्रतिशत तक क्यों है. कटौती के प्रस्ताव पर कांग्रेसनीत संप्रग सरकार का समर्थन करने के निर्णय के बावजूद बसपा मुखिया ने कांग्रेस के विरुद्ध अपना हमलावर रुख बरकरार रखा और आरोप लगाया कि देश में व्याप्त गरीबी, असमानता और बेरोजगारी आजादी के बाद से 50 से अधिक वर्षों तक सत्ता में रही कांग्रेस की ही देन है और नक्सलवाद इन्हीं समस्याओं से पैदा हुआ है, जिससे सैनिक कार्रवाई अथवा हवाई हमले से नही निपटा जा सकता.
मायावती यह दोहराना भी नही भूली कि उनकी सरकार ने प्रदेश के पिछड़े अंचलों बुंदेलखंड और पूर्वाचल के विकास के लिए केन्द्र सरकार से 80 हजार करोड़ का विशेष आर्थिक पैकेज मांगा था और केन्द्र सरकार ने उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया. बसपा मुखिया ने यह दावा भी दोहराया कि केन्द्र के सौतेले व्यवहार के बावजूद उनकी सरकार अपने सीमित संसाधनों में गरीबों, पिछड़ो, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए तमाम कल्याणकारी योजनाएं चला रही है.