देश के कई हिस्सों में नागरिकता संशोधन एक्ट और नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन के मसले पर विरोध प्रदर्शन जारी है. पिछले सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन एक्ट को पेश किया था, जिसके बाद से ही विपक्ष हमलावर है. अब 31 जनवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में भी केंद्र सरकार के विपक्ष के हमलों का सामना करना होगा. लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की ओर से इन मसलों पर सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की गई है, जिनका जवाब गृह मंत्रालय को देना होगा.
संसद का सत्र शुक्रवार को शुरू होगा और शनिवार को केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा. अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर घिरी सरकार के लिए ये बजट आसान नहीं होने वाला है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या CAA, NRC पर जारी संग्राम पर है. 31 जनवरी से शुरू होने के बाद बजट सत्र दो हिस्सों में 3 अप्रैल तक चलेगा.
विपक्ष की ओर से सवालों की लिस्ट तैयार
लोकसभा की वेबसाइट पर जो सवालों की लिस्ट दी गई है, उसमें 4 फरवरी को पूछे जाने वाले सवालों की जानकारी दी गई है. इसमें नागरिकता संशोधन एक्ट पर मचे घमासान, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिजन के स्टेटस, डिटेंशन सेंटर्स और शरणार्थियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया के बारे में पूछा जाएगा.
लोकसभा में पूछे जाने वाले सवाल (1)
बजट पेश होने के बाद जब सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू होगा तो लोकसभा सांसद अब्दुल खलीक के द्वारा गृह मंत्रालय से नागरिकता की प्रक्रिया को लेकर प्रश्न दागा जाएगा. जिसमें CAA के बाद नागरिकता के लिए कितनी एप्लीकेशन आई हैं, इनमें किन राज्यों के लिए अधिक एप्लिकेशन आई हैं.
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इसके अलावा असम के नेता प्रद्युत की ओर से डिटेंशन सेंटर पर सवाल पूछा जाएगा, जिसमें क्या सरकार ने कोई डिटेंशन सेंटर बनाए हैं. अगर ऐसे सेंटर बने हैं तो उनकी लोकेशन क्या है, इसके साथ ही NRC के तहत आगे सेंटर बनाने की क्या योजना है. लोकसभा के अलावा राज्यसभा में भी गृह मंत्रालय से जुड़ें प्रश्न लिस्टिड हैं.
लोकसभा में पूछे जाने वाले सवाल (2)
अर्थव्यवस्था पर घिरी है मोदी सरकार
बजट सत्र में सरकार की सबसे बड़ी चुनौती गिरती हुई अर्थव्यवस्था को सुधारने की है. लगातार गिरती जीडीपी, बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई को लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है, ऐसे में ये बजट सत्र सरकार के लिए आसान नहीं होने वाला है. अर्थव्यवस्था के अलावा CAA, NRC, जम्मू-कश्मीर में पाबंदी समेत कई ऐसे मामलों पर विपक्ष हमला करने के लिए तैयार है.
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बता दें कि लोकसभा में किसी तरह के बिल, प्रस्ताव को पास करवाने में केंद्र सरकार को मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि निचले सदन में एनडीए के पास बहुमत है. वहीं राज्यसभा में एनडीए के पास तो बहुमत नहीं है लेकिन पिछले कुछ सत्रों में बीजेपी अन्य पार्टियों से समर्थन जुटा बिलों को पास करवा चुकी है.