बजट सत्र के चौथे दिन राज्यसभा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर गंभीर चर्चा हुई. बीते दिन तक हंगामे की भेंट चढ़ चुके सत्र में आज सभी सांसदों ने एकजुट होकर महिलाओं के मुद्दे पर चर्चा की. सदन में महिला आरक्षण से लेकर महिला सुरक्षा और उनके अधिकारों को संरक्षित करने पर जोर दिया गया.
राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी मे किसी महिला सदस्य को सभापति के पैनल में शामिल करने की मांग. साथ ही उन्होंने पौराणिक कथाओं का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल तो ब्रह्मा की कैबिनट में ही देखने को मिलती है.
भगवान ब्रह्मा का हवाला देते हुए स्वामी ने कहा कि उनकी कैबिनेट में सभी अहम विभाग महिलाओं के ही पास थे. जैसे लक्ष्मी वित्त विभाग संभाल रही थीं तो रक्षा विभाग दुर्गा और शिक्षा विभाग सरस्वती के पास था. उन्होंने कहा कि उस दौरान सिर्फ सूचना प्रसारण विभाग का जिम्मा एक पुरुष यानी नारद मुनि को सौंपा गया था.
अपनी मांग को उठाते हुए स्वामी ने कहा कि बीते 70 साल में देश को एक भी महिला कैबिनेट सचिव नहीं मिली है. ऐसे में मेरी अपील है कि इस पद पर भी किसी महिला को बैठाया जाए.
स्वामी ने कहा कि महिलाओं के साथ अत्याचार या भेदभाव हमारी संस्कृति का हिस्सा नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि इतिहास में भी दो बार महिला अस्मिता की रक्षा के लिए युद्ध हुए हैं फिर चाहे वो महाभारत में द्रोपदी हों या फिर रामायण में सीता और हमारी संस्कृति का हिस्सा है.
गुरुवार को राज्यसभा और लोकसभा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सदन ने महिलाओं को बधाई दी गई. सभी सांसदों ने तालियां बजाकर सदन में मौजूद और देश-दुनिया की महिलाओं को महिला दिवस की शुभकमनाएं दीं. इससे पहते तीन दिन तक सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था.