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राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी सदन में बैठे रहे सांसद

सभापति एम वेंकैया नायडू ने विरोध कर रहे सांसदों से बैठने का बार-बार अनुरोध किया. उन्होंने यहां तक कहा कि सदन की साख दांव पर लगी है आप लोग सांसदों को विदाई भाषण देने दीजिए. लेकिन उनके नहीं मानने पर सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिये स्थगित करना पड़ा.

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राज्यसभा (फाइल फोटो)
राज्यसभा (फाइल फोटो)

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बजट सत्र के 16वें दिन भी संसद के दोनों सदनों में जोरदार हंगामा देखने को मिला. लोकसभा में हंगामे की वजह से एक बार फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं रखा जा सका, वहीं राज्यसभा में रिटायर हो रहे सांसदों का संबोधन हुए बिना की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा.

राज्यसभा में आज एक अजीब वाकया देखने को मिला जब सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी विपक्षी सांसद सदन में बैठे रहे. दरअसल सभापति वेंकैया नायडू चाहते थे कि सदन में रिटायर हो रहे सांसदों का संबोधन हो और वह अपने अनुभव साझा कर सकें, क्योंकि यह संसदीय परंपरा का हिस्सा रहा है.

राज्यसभा में कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर AIADMK के सांसद लगातार वेल में आकर हंगामा कर रहे थे. पहले तो सभापति ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित की लेकिन बावजूद इसके जब कार्रवाई दोबारा शुरू हुई तब भी AIADMK सांसदों का हंगामा जारी रहा.

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सभापति एम वेंकैया नायडू ने विरोध कर रहे सांसदों से बैठने का बार-बार अनुरोध किया. उन्होंने यहां तक कहा कि सदन की साख दांव पर लगी है आप लोग सांसदों को विदाई भाषण देने दीजिए. लेकिन उनके नहीं मानने पर सदन की कार्यवाही को बुधवार तक के लिये स्थगित करना पड़ा.

हंगामे के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हम सदन को चलने देने चाहते हैं. वहीं संसदीय कार्य राजमंत्री विजय गोयल ने भी आसन के जरिए हंगामा कर रहे सांसदों से बैठने की अपील की. लेकिन किसी भी अपील काम नहीं आई और हंगामा जारी रहा.

नेता प्रतिपक्ष आजाद ने कार्यवाही स्थगित होने के बाद AIADMK सांसदों के रवैये के विरोध में विपक्षी सदस्यों से सदन से बाहर नहीं जाने की अपील की. आजाद ने कहा कि विपक्ष सदन चलने देने का पक्षधर है और जो लोग सदन चलने नहीं देना चाहते, उनके विरोध में दोपहर 12 बजे तक हम सदन में ही बैठेंगे. इस तरह सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भी विपक्षी सांसद सदन में बैठे रहे.  

कुछ समय बाद सपा और बसपा सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य धीरे-धीरे सदन से बाहर चले गये. लेकिन कांग्रेस के सदस्य 12 बजे तक अपने अपने स्थानों पर बैठे रहे. आमतौर पर सदन की कार्यवाही स्थगित होते ही सांसद बाहर चले जाते हैं और ऐसी घटना देखने को नहीं मिलती है.

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