बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की कागजी तैयारियां हो चुकी हैं. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए 1100 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है.
नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन (एनएचएसआरसी) ने महाराष्ट्र गुजरात और दादर नगर हवेली के 10 जिलों में अधिग्रहित की जाने वाली जमीन के बारे में कागजी काम शुरू करते हुए संबंधित जिला प्रशासन को अपनी सूची भेज दी है. बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए 5000 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 9000 प्लॉट का अधिगृहण
नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे ने आज तक से खास बातचीत में बताया कि 10 जिलों में अधिगृहित की जाने वाली जमीन का ब्यौरा भेजा जा चुका है. दो जिलों पालघर और थाणे में अधिगृहित की जाने वाली जमीन का लेखा-जोखा तैयार हो गया है. अगले दो तीन दिनों में ये ब्यौरा संबंधित जिला प्रशासन को भी भेज दिया जाएगा. अचल खरे ने बतया कि बुलेट ट्रेन के लिए जमीन का अधिगृहण का काम अगले साल के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा. इसमें 4000 से 5000 करोड़ रुपये की लागत आने का अऩुमान है. उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 9000 प्लॉट का अधिगृहण होना है, और इस वजह से 14000 से 15000 लोगों को मुआवजा दिया जाएगा.
अंडरग्राउंड और समंदर के नीचे होगा 21 किलोमीटर
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के एमडी ने बताया कि वापी सूरत और बड़ोदा के इलाके में बुलेट ट्रेन परियोजना का तकरीबन 237 किलोमीटर का ट्रैक बिछाया जाना है. ये इलाका ग्रीनफील्ड एरिया के तहत आता है. लिहाजा यहां अगले साल के मध्य से काम शुरू कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना में 508 किलोमीटर में महज 21 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड और समंदर के नीचे होगा. बाकी हिस्सा जमीन के ऊपर एलीवेटेड रहेगा. लिहाजा इसके निर्माण कार्य में कोई अड़चन नहीं आएगी.
टनल का काम करेंगी जापानी कंपनियां
उन्होंने बताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना में सिविल कांस्ट्रक्शन के 7 कॉन्ट्रैक्ट दिए जाएंगे. इन कांट्रैक्ट्स में ब्रिज, वायाडक्ट, स्टेशन और टनल शामिल होगी. 508 किलोमीटर के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में 460 किलोमीटर की परियोजना का काम भारतीय कंपनियों के लिए ओपन रहेगा. बाकी 48 किलोमीटर में से 21 किलोमीटर की टनल का काम और अहमदाबाद और साबरमती स्टेशन का काम जापानी कंपनियां करेंगी.
अचल खरे ने बताया कि थाणे के पास से बुलेट ट्रेन का ट्रैक टनल से होकर गुजरेगा. इसकी लंबाई 21 किलोमीटर होगी. इसमें से 7 किलोमीटर का हिस्सा समंदर के नीचे से होकर गुजरेगा. एनएचएसआरसी ने 21 किलोमीटर की टनल की डिजाइनिंग का काम पूरा कर लिया है. इस टनल का व्यास 14.5 मीटर होगा और इसमें से बुलेट ट्रेन के दो ट्रैक होकर गुजरेंगे. टनल के लिए थाणे और मुंबई में तीन या चार जगहों से खुदाई शुरू की जाएगी. इन जगहों से टनल बोरर मशीन उतारी जाएंगी. सुरंग के लिए जमीन की प्रोफाइलिंग करने के लिए दिसंबर में खास तरह की मशीनें जापान से भारत लाई जा रही हैं.
2022 तक बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट
अचल खरे ने बताया कि अभी तक बुलेट ट्रेन परियोजना का काम काफी तेजी से चल रहा है. इसके लिए तमाम तैयारियां की जा रही हैं. उन्होंने बताया कि 2022 तक अहमदाबाद और मुंबई के बीच पहली बुलेट ट्रेन ट्रैक पर उतारने का टारगेट है.