दिल्ली में प्रदूषण मुक्त करने की केजरीवाल सरकार की कोशिशों पर भले सहमति बनती न दिख रही हो यह फॉर्मूला पश्चिम बंगाल को जम गया है. दिल्ली सरकार की ही तरह मंगलवार को बर्धमान में 'कार फ्री डे' मनाया गया.
'कार फ्री डे' को सफल बनाने में शीर्ष अधिकारियों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. जिलाधिकारी और बर्धमान एसपी अपने दफ्तर साईकिलों से पहुंचे. जिलाधिकारी सौमित्र मोहन ने बताया, कार फ्री डे बनाने के पीछे उद्देश्य था कि लोग पर्यावरण के प्रति जागरुक हों. उन्होंने बताया, लगभग एक महीने पहले हमने तय किया था कि एक ऐसा दिन रखा जाए जिस दिन कार और बाइक से शहर को मुक्ति मिले. इस प्रयास से न सिर्फ प्रदूषण कम होगा बल्कि ट्रैफिक की समस्या से भी निजात मिलेगी.
गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने 15 दिसंबर को 'कार फ्री डे' के तौर पर चुना. मोहन ने कहा कि लोगों की प्रतिक्रिया देखते हुए हम इसे मासिक या साप्ताहिक करने पर विचार करेंगे. उन्होंने कहा, 'हमने इस मुद्दे पर सभी से राय ली. हम उम्मीद करते हैं लोग हमारे इस प्रयास में सहयोग देंगे. इस दिन साईकिल चलाने या पैदल चलने से लोगों की फिटनेस भी सुधरेगी.' खास बात यह है कि कलना सब डिविजन में कैदियों को भी सुनवाई के लिए कोर्ट बैटरी रिक्शा में ले जाया गया.