अगर सरकार की चली तो देश में जल्द ही पैसे देकर सेक्स करना या खरीदना अपराध माना जाएगा. महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों को रोकने के प्रयास के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कानून में इस तरह के संशोधन का सुझाव भेजा है.
पिछले हफ्ते कैबिनेट ने अनैतिक तस्करी निरोधक अधिनियम (आईपीटीए) में संशोधन पर एक नोट जारी किया. इस संशोधन में पैसे देकर सेक्स करने की मंशा से रेड लाइट इलाके में जाने वाले व्यक्ति के लिए सजा का प्रावधान किया गया है.
अनैतिक तस्करी निरोधक अधिनियम में 'वेश्यालय' की परिभाषा का दायरा काफी लंबा-चौड़ा है. इस परिभाषा के मुताबिक इसमें केवल रेड लाइट इलाके ही नहीं आते बल्कि हर वो क्षेत्र जहां पैसे देकर सेक्स किया जा रहा हो, वेश्यालय में आता है, फिर चाहे वह मकान हो, कोई कमरा हो या फिर कोई अन्य जगह. यहां तक कि अगर कोई शख्स अपने घर, होटल या फिर गाड़ी में सेक्स वर्कर के साथ पकड़ा जाता है तो वह भी सजा का हकदार होगा.
देश को हिला देने वाले दिल्ली गैंगरेप ने सरकार को यौन अपराधों को रोकने की दिशा में सख्त कानून बनाने के लिए मजबूर किया है. स्वीडन और नार्वे के कानून की तर्ज पर सरकार ने इस तरह का कानून बनाने का फैसला किया है. स्वीडन और नार्वे में पैसे देकर सेक्स करना कानूनन अपराध है.
जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट में देह व्यापार और मानव तस्करी के पहलुओं को पूरी तरह से कवर नहीं किया गया है. लेकिन इस संशोधन में दोनों चीजों को महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जोड़ा गया है. इस संशोधन में रेड लाइट इलाके में वेश्यालय जाने वाले व्यक्ति को तीन महीने से एक साल की जेल या फिर 10,000 से 20,000 का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. अगर दूसरी बार पकड़े गए तो एक से पांच साल की जेल हो सकती है. इसके अलावा उस पर 20,000 से 50,000 के बीच जुर्माना भी हो सकता है. इतना ही नहीं सजा की अधिकतम सीमा बढ़ाकर तीन से पांच साल कर दी गई है.