कभी भविष्यवाणी की गई थी कि दुनिया में अगला विश्व युद्ध पानी के लिए होगा. दुनिया के करीब-करीब हर देश में पानी की मांग और आपूर्ति में अंतर जगजाहिर है. लेकिन हाल ही जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत 2025 तक जल संकट वाला देश बन जाएगा.
अध्ययन में कहा गया है कि पानी की किल्लत को देखते हुए इस क्षेत्र में अगले कुछ साल में विदेशी कंपनियां 13 अरब डॉलर का निवेश कर सकती हैं. जल क्षेत्र में प्रमुख परामर्श कंपनी ईए वाटर के एक अध्ययन के मुताबिक, भारत में पानी की मांग सभी मौजूदा स्रोतों से होने वाली आपूर्ति के मुकाबले ऊपर चले जाने की आशंका है. ऐसे में देश 2025 जल संकट वाला देश बन जाएगा.
अध्ययन में कहा गया है, 'परिवार की आय बढ़ने और सेवा व उद्योग क्षेत्र से योगदान बढ़ने के कारण घरेलू और औद्योगिक क्षेत्रों में पानी की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है. देश की सिंचाई का करीब 70 फीसदी और घरेलू जल खपत का 80 फीसदी हिस्सा भूमिगत जल से पूरा होता है, जिसका स्तर तेजी से घट रहा है. हालांकि कनाडा, इजरायल, जर्मनी, इटली, अमेरिका, चीन और बेल्जियम की कंपनियां घरेलू जल क्षेत्र में 13 अरब डॉलर मूल्य के निवेश के अवसर देख रही हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योग को अगले तीन साल में 18,000 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है. देश में जल आपूर्ति और दूषित जल प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास समेत विभिन्न संबंधित क्षेत्रों में काफी अवसर हैं.
-इनपुट भाषा से