रूस के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने दावा किया है कि जिस प्रकार पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन हो रहा है उससे 2050 तक आर्कटिक सागर से बर्फ का नामोनिशां समाप्त हो जाने की आशंका है.
रूस के मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक अलेक्सांद्र फ्रोलोव ने कहा, ‘30 से 40 वर्षों में गर्मियों के समय में उत्तरी ध्रुव सहित आर्कटिक सागर में बर्फ का नामो निशां तक नहीं रहेगा.’ जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति (आईपीसीसी) के आंकड़े के हवाले से फ्रोलोव ने कहा कि 2010 में बर्फ की परत का सिकुड़ना 2007 के स्तर को भी पार कर सकता है.
रिया नोवोस्ती ने फ्रोलोव से खबर दी है, ‘औसत स्तर तो अब अतीत की बात हो चुकी है. इससे पहले का न्यूनतम स्तर एक करोड़ दस लाख वर्ग किलोमीटर बर्फ का था. अब उपग्रहों से जाहिर होता है कि यह सिमट कर एक करोड़ आठ लाख वर्ग किलोमीटर रह गया है.’