केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल का नाम केंद्र की मोदी सरकार में संकटमोचक मंत्रियों में शुमार होता है. पीयूष गोयल के पास दो अहम-कोयला और रेल मंत्रालय के साथ-साथ वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है. किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के कुछ महीने छुट्टी पर चले जाने की वजह से मोदी सरकार के पास वित्त मंत्रालय एक कुशल और भरोसेमंद हाथों में सौंपने की जिम्मेदारी थी. लिहाजा प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थ और वित्त के प्रबंधन को समझने में निपुण पीयूष गोयल को इसके लिए सबसे उपयुक्त समझा. वहीं जब तेजी से बढ़ रहे रेल हादसों की वजह से तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफा दिया तब भी संकट की घड़ी में रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी गोयल को ही दी गई.
ऊर्जा मंत्री के तौर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की
मोदी सरकार में ऊर्जा मंत्री के तौर पर पीयूष गोयल के कार्यकाल में ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आया. तय समय में देश के 18000 गांवों का विद्युतीकरण गोयल की बड़ी उपलब्धि रही. आजादी के सात दशक बाद देश के बचे हुए गांवों का विद्युतीकरण का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में प्रमुखता से उठाते रहे हैं. गोयल ने केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना और ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे बड़े सुधार 'उदय योजना' को सफलतापूर्वक लागू कराया. वहीं दुनिया की सबसे बड़ी LED बल्ब वितरण योजना 'उजाला' को सफल बनाने में भी गोयल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. गोयल ने प्रमुखता से कोयले की कमी से जूझ रही बिजली कंपनियों को चरणबद्ध तरीके से संकट से उबारा. वहीं घोटालों की मार झेल रहे कोयला आवंटन को ई-ऑक्शन के जरिए पारदर्शी बनाने का सफल प्रयास किया.
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संगठन के कार्यों में भी माहिर
तीन दशक के अपने राजनीतिक सफर में पीयूष गोयल भारतीय जनता पार्टी में कई अहम पद संभाल चुके हैं. वित्तीय मामलों का अच्छा तजुर्बा होने के चलते पीयूष गोयल को भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष की भूमिका दी गई थी जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. गोयल भाजपा के सूचना संचार अभियान समिति की अगुवाई भी कर चुके हैं. वहीं 2014 के आम चुनावों के दौरान भाजपा के प्रचार और सोशल मीडिया प्रसार की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधों पर थी. फिलहाल 53 वर्षीय पीयूष गोयल राज्यसभा सदस्य हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं. पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट पीयूष गोयल प्रबंधन के मुद्दों पर कई बड़ी कॉरपोरेट संस्थाओं के सलाहकार भी रहे हैं.
अटल का भी विश्वास रहा हासिल
पीयूष गोयल को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का विश्वास भी हासिल था. अटल जी के नेतृत्व में एनडीए की पहली सरकार के दौरान उन्हें भारत सरकार की तरफ से नदियों को जोड़ने वाले टास्क फोर्स में मनोनीत किया गया था. ये वाजपेयी की महत्वाकांक्षी योजना थी जिसपर मोदी सरकार ने भी काम शुरू किया है.
भाजपा से पीढ़ियों का नाता
पीयूष गोयल के परिवार का भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पुराना नाता रहा है. गोयल के दिवंगत पिता वेद प्रकाश गोयल खुद भी दो दशकों तक पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे और केंद्र की तात्कालीन अटल सरकार में जहाजरानी मंत्री थे. उनकी माता चंद्रकांता गोयल मुंबई से तीन बार विधायक रह चुकी हैं. पीयूष गोयल की पत्नी सीमा एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, उनके एक बेटे ध्रुव न्यूयॉर्क में काम करते हैं और बेटी राधिका अमेरिका की प्रतिष्ठत हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.
आज पूजनीय गुरु गोलवलकर जी की जयंती है, मेरा सौभाग्य रहा कि बचपन में मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त हुआ, उनके साथ बिताये मेरे जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों की फोटो आपके साथ शेयर कर रहा हूँ, उनकी जयंती पर उन महापुरुष को मेरा श्रद्धापूर्वक नमन। pic.twitter.com/tqd1V4kaqN
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 19, 2018