नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में विरोध चल रहें है. एक तरफ सरकार की तरफ से इस कानून को लेकर लगातार सफाई दी जा रही है तो वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भले ही सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं लेकिन भाजपा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी और इसे रद्द नहीं करेगी.
जनसभा को किया संबोधित
राजस्थान के जोधपुर में सीएए के समर्थन में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पार्टी कड़ी मेहनत करेगी और युवाओं व अल्पसंख्यकों तक पहुंच बनाकर उन्हें समझाएगी कि सीएए को नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक रूप से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है.
जोधपुर के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में सीएए और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए बुलाई गई रैली में शाह ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी चुनौती दी कि अगर उन्होंने कानून का अध्ययन नहीं किया है, तो उन्हें इसका पता लगाना चाहिए कि इस कानून का क्या मतलब है.
राहुल गांधी को मिली चुनौती
अमित शाह ने कहा, 'राहुल बाबा, अगर आपने सीएए कानून पढ़ा है, तो कहीं पर भी चर्चा करने के लिए आ जाएं और अगर नहीं पढ़ा है तो मैं इटालियन भाषा में इसका अनुवाद करके भेज देता हूं, उसको पढ़ लीजिए.'
अमित शाह ने कहा, 'सीएए को तीन राष्ट्रों से उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए पेश किया गया है.' उन्होंने देश के युवाओं को गुमराह करने के लिए सीएए पर गलत अभियान शुरू करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमने लोगों तक पहुंचने और उन्हें इसके बारे में जागरूक करने का फैसला किया है.
इस दौरान उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को 'दिल्ली दरबार' में सिर झुकाने से मना करते हुए इसके बजाए राज्य के मामलों को देखने की नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि गहलोत को सीएए पर प्रदर्शन के बजाए कोटा में मासूमों की मौत का मामला देखना चाहिए.
कांग्रेस सरकार का घोषणापत्र
शाह ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणापत्र में पाकिस्तान से आए प्रवासियों को नागरिकता देने की घोषणा की थी, हालांकि वे ऐसा नहीं कर पाए क्योंकि वे अपने वोट बैंक के बारे में सोच रहे थे और उसी के लिए राजनीति करने में व्यस्त रहे.
गृह मंत्री ने पूछा कि देश को धार्मिक आधार पर क्यों विभाजित किया गया और किसने राष्ट्र का विभाजन किया? उन्होंने कहा कि देश को धार्मिक आधार पर बांटने वाली कांग्रेस ही थी.
उन्होंने कहा कि ममता दीदी कह रही हैं कि आपको लाइने लगानी पड़ेंगी, आपसे अलग-अलग प्रूफ मांगे जाएंगे. मैं शरणार्थी भाइयों को कहना चाहता हूं कि आप प्रताड़ित होकर आए हो, यहां कोई प्रताड़ना नहीं झेलनी पड़ेगी और आपको सम्मान के साथ नागरिकता दी जाएगी.
उन्होंने लोगों से सीएए पर मोदी को अपना समर्थन साझा करने और ममता, मायावती और केजरीवाल समूह को करारा जवाब देने के लिए 88662-88662 पर मिस्ड कॉल देने का भी आह्रान किया.