इंडिया गेट पर शहीदों के सम्मान में 500 करोड़ की लागत से तैयार होगा वॉर मेमोरियल
आजादी के बाद देश के लिए बलिदान होने वाले 22,500 से अधिक सैनिकों की याद में इंडिया गेट के निकट एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और युद्ध संग्रहालय बनाने की सशस्त्र बलों की मांग को सरकार ने मंजूरी दे दी है.
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- नई दिल्ली,
- 07 अक्टूबर 2015,
- (अपडेटेड 08 अक्टूबर 2015, 12:17 AM IST)
आजादी के बाद देश के लिए बलिदान होने वाले 22,500 से अधिक सैनिकों की याद में इंडिया गेट के निकट एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और युद्ध संग्रहालय बनाने की सशस्त्र बलों की मांग को सरकार ने मंजूरी दे दी है.
यह स्मारक विश्व के सर्वोत्तम स्मारकों में से एक होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्मारक और संग्रहालय बनाए जाने को देश के लिए जीवन बलिदान करने वाले बहादुर सैनिकों को सही श्रद्धांजलि बताया. सरकार के सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि यह स्मारक विश्व स्तरीय ही नहीं बल्कि विश्व में श्रेष्ठ स्मारकों में से एक होना चाहिए.
लगभग 500 करोड़ रुपये की लागत वाली इस महत्वकांक्षी परियोजना को पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. स्वतंत्रता के बाद 22,500 से अधिक सैनिकों ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा और देशहित के लिए सर्वोच्च बलिदान किया. लेकिन इन शहीदों के सम्मान में किसी स्मारक का निर्माण नहीं हुआ. सरकारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में सशस्त्र बलों की ओर से काफी समय से की जा रही इस मांग को स्वीकार कर लिया गया.
यह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक एवं संग्रहालय इंडिया गेट के पास स्थित प्रिंसेस पार्क में बनेगा. यह तय किया गया कि इस परियोजना के निर्माण कार्य को रक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक सशक्त संचालन समिति देखेगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यह परियोजना पांच साल की समय सीमा में पूरी हो जाए. यह समिति इस स्मारक के लिए देश और विदेश की कंपनियों से डिजाइनों के विचार आमंत्रित करेगी. बयान में कहा गया, यह स्मारक उसे देखने आने वाले लोगों के मन में देशभक्ति की भावना को बढ़ाएगा और देशवासियों को मातृभमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अपने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर देगा.